ईवीएम से छेड़छाड़ मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने हाल के विधानसभा चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में छेड़छाड़ किए जाने के आरोपों की सॉफ्टवेयर विशेषज्ञों से जांच कराने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका पर शुक्रवार को चुनाव आयोग से जवाब मांगा.

‘आपराधिक छवि वाले नेताओं के चुनाव लड़ने पर लगे आजीवन प्रतिबंध’

सुप्रीम कोर्ट के नोटिस पर अपना पक्ष रखते हुए भारत निर्वाचन आयोग ने आपराधिक छवि वाले नेताओं के चुनाव लड़ने पर आजीवन प्रतिबंध का समर्थन किया है.

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 750 रुपये में पड़ा एक वोट

एक गैर सरकारी संगठन ने अपने सर्वेक्षण में दावा किया है कि इस बार उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में नोट के बदले वोट लेेने के लिए उम्मीदवारों ने तकरीबन एक हज़ार करोड़ रुपये खर्च किए.

ईवीएम की विश्वसनीयता पर पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्तों ने जताया भरोसा

कुछ राजनीतिक दलों द्वारा ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए जाने के बीच निर्वाचन आयोग के पूर्व प्रमुखों ने इस बात पर जोर दिया है कि मशीनों से छेड़छाड़ नहीं हो सकती.

क्या भाजपा के विजय-रथ का पहिया बना दैनिक जागरण का एक्ज़िट पोल?

अलग-अलग चरणों में पार्टी के चुनावी प्रदर्शन में असमानता इस बात का सबूत है कि ‘अच्छी खबर’ चुनावी पासे को पलटने में मदद कर सकती है.

मायावती के बाद केजरीवाल ने भी ईवीएम के ख़िलाफ़ मोर्चा खोला

दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रथमदृष्टया गड़बड़ी के पुख़्ता सबूत मिले हैं. वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि वे ईवीएम से छेड़छाड़ के मामले को लेकर अदालत जाएंगी.

पारदर्शी चुनाव के लिए ईवीएम से बेहतर विकल्प नहीं: पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त

पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी के मुताबिक ईवीएम में धांधली के आरोप पूरी तरह निराधार हैं. यदि इसमें छेड़छाड़ की गुंजाइश होती तो किसी सरकार की हार नहीं होती.

‘उत्तर प्रदेश का चुनाव परिणाम डराता भी है’

भले ही जनता ने मोदी को विधानसभा में प्रचंड बहुमत दे दिया है लेकिन लोकसभा की तरह उसे यहां भी निराश होना पड़ेगा. वजह साफ है कि न तो मोदी के पास कोई बड़ी दृष्टि है और न ही उनके पास स्थितियों को समझने का धैर्य.

क्या आप भी इस सवाल से परेशान हैं कि यूपी में कौन जीत रहा है?

यह ऐसा सवाल है जिसका जवाब हर कोई जानना चाह रहा है. अब तक यह सवाल आपसे इतनी बार पूछा जा चुका होगा कि आपको जवाब रट गया होगा. फिलहाल अगले कुछ घंटे आप इन समीकरणों पर भी विचार कीजिए.

एक्सक्लूसिव: जागरण में भाजपा के पक्ष में छपे एग्ज़िट पोल के पीछे आरएसएस कार्यकर्ता का हाथ

यह तो साफ है कि दैनिक जागरण द्वारा उत्तर प्रदेश चुनाव के पहले चरण के ठीक बाद उस एग्ज़िट पोल का प्रकाशन भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए बनाई गयी एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा था, पर इस ‘चुनावी पटकथा’ का लेखक कौन था, इस पर अब तक रहस्य बना हुआ है.

यूपी में चुनाव लड़ रहे विधायकों की संपत्ति पांच साल में 82 फीसदी बढ़ी: एडीआर

एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के मुताबिक यूपी में फिर से चुनाव लड़ रहे विभिन्न दलों के 311 विधायकों की औसत संपत्ति वर्ष 2012 में 3.49 करोड़ रुपये थी जो इस साल बढ़कर 6.33 करोड़ रुपये हो गई है.

बुर्क़ानशीं मतदाताओं की जांच की व्यवस्था पहले से: चुनाव आयोग

आगामी चरणों के चुनाव में वोटिंग से पहले भाजपा ने चुनाव आयोग से मांग की कि बुर्क़ानशीं महिलाओं की पहचान के लिए महिला सुरक्षाकर्मी की तैनाती हो. आयोग ने भाजपा की मांग को नकार दिया है.

गोंडा से ग्राउंड रिपोर्ट: जाति, धर्म, धन और धुरंधर लोकतंत्र की शान

यूपी के गोंडा का जायज़ा लेने से पता चला कि पार्टियां भले ही कालाधन लाने, परिवारवाद मिटाने की बातें करें लेकिन चुनाव में जीत धन बल और बाहुबल से ही मिलती है.

जाति और धर्म आधारित भड़काऊ बयानों से बचें नेता: चुनाव आयोग

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कई नेताओं के धार्मिक भावनाएं भड़काने वाले बयानों पर संज्ञान लेते हुए चुुनाव आयोग ने आत्मसंयम बरतने की नसीहत दी है.