हमारे समाज का पतन हो गया है. उन्मादपूर्ण भीड़ द्वारा निर्दोष व्यक्ति की हत्या, घर वापसी, एंटी-रोमियो दल, निरंकुश गौरक्षा दल और देश के प्रधानमंत्री और उनके अनुयायियों द्वारा मुसलमानों के लिए घृणा फैलाने के लिए बयानबाज़ी, ये सब समाज की दिनचर्या का हिस्सा बन चुके हैं.
वीडियो: पिछले दस बरस देश की विभिन्न संस्थाओं के लिए भी महत्वपूर्ण रहे हैं. नरेंद्र मोदी के पिछले दस सालों के कार्यकाल में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश किस राह पर चले, संविधान के अभिभावक संवैधानिकता की कितनी रक्षा कर पाए, इस बारे में क़ानूनी मामलों पर लिखने वाले पत्रकार सौरव दास से बात कर रहे हैं द वायर हिंदी के संपादक आशुतोष भारद्वाज.