केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनी भारत पेट्रोलियम के राष्ट्रीकरण संबंधी कानून को 2016 में रद्द कर दिया था. ऐसे में भारत पेट्रोलियम को निजी या विदेशी कंपनियों को बेचने के लिए सरकार को संसद की अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी.