सुप्रीम कोर्ट द्वारा 1984 के दंगों संबंधी मामलों की जांच के लिए बनाए गए विशेष जांच दल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि तत्कालीन केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस ने दंगों के दौरान दंगाइयों पर हत्या, आगजनी और हिंसा के मामले दर्ज करने की कोशिश नहीं की, साथ ही आपराधिक मामलों को छिपाने का प्रयास भी किया.
गृह मंत्रालय द्वारा गठित विशेष जांच दल के 1984 दंगों से जुड़े सात मामलों को फिर से खोलने के निर्णय के बाद दिल्ली के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि कमलनाथ ने इन सात मामलों में से एक के पांच आरोपियों को कथित तौर पर शरण दी थी.