22 दिसंबर, 2000 को लाल क़िले में दो आतंकवादी घुस गए थे, जिन्होंने परिसर में तैनात 7 राजपूताना राइफल्स की यूनिट पर गोलीबारी की थी. इस हमले में तीन सैन्यकर्मी मारे गए थे. लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी मोहम्मद आरिफ़ को इस हमले की साज़िश का दोषी पाया गया था.
22 दिसंबर 2000 की रात को कुछ घुसपैठिए लाल क़िले में घुस गए थे, जहां भारतीय सेना की 7 राजपूताना राइफल्स की यूनिट तैनात थी. घुसपैठियों की गोलीबारी में सेना के तीन जवानों की जान चली गई थी.