2019 लोकसभा चुनाव में ख़र्च हुए क़रीब साठ हज़ार करोड़, 45 फीसदी भाजपा ने ख़र्च किए

चुनावी ख़र्च पर आई सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज़ की रिपोर्ट के अनुसार, बीते 20 सालों में 1998 से 2019 तक हुए लोकसभा चुनावों में हुआ व्यय छह गुना बढ़ा. इस साल के आम चुनाव में औसतन प्रत्येक लोकसभा सीट पर लगभग 100 करोड़ रुपये ख़र्च किए गए.

मोदी समर्थकों को उनकी जुमलेबाज़ी या किसी की खिल्ली उड़ाने से कोई फ़र्क नहीं पड़ता

प्रधानमंत्री के यहां-वहां किए गए मज़ाक या तंज़ से अगली कतार में बैठने वालों को हंसाया तो जा सकता है, लेकिन चुनावों में इसका कोई फायदा नहीं होने वाला.

कर्नाटक: येदियुरप्पा बोले- एयर स्ट्राइक से बनी मोदी लहर, राज्य में जीतेंगे 22 से ज्यादा सीटें

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कहा कि वोटों के लिए बीजेपी की योजना को जानकर हैरान हूं. कोई भी देशभक्त सैनिकों की शहादत पर इस तरह के लाभ को प्राप्त करने की बात नहीं कर सकता, यह केवल एक देशद्रोही ही कर सकता है.

विहिप के लोकसभा चुनाव तक राम मंदिर आंदोलन रोकने की वजह आस्था नहीं राजनीति है

विहिप को अपने राम मंदिर आंदोलन के इतिहास में पहली बार ऐसा लग रहा है कि उसके अभियान से भाजपा को राजनीतिक लाभ के बजाय हानि हो सकती है. इसे लेकर कोई भी आक्रामकता मोदी सरकार के ख़िलाफ़ जाएगी, इसलिए उसने रक्षात्मक होते हुए कछुए की तरह अपने हाथ-पांव समेट लिए हैं, जो अनुकूल समय मिलते ही बाहर आ जाएंगे.

विहिप का ऐलान, लोकसभा चुनाव तक राम मंदिर के लिए कोई अभियान नहीं

राम मंदिर के लिए अध्यादेश की मांग कर रहे विश्व हिंदू परिषद का कहना है कि वह नहीं चाहता कि राम मंदिर निर्माण लोकसभा चुनाव में मुद्दा बने इसलिए चुनाव तक मंदिर निर्माण के आंदोलन को रोका जा रहा है.

2019 का चुनाव सिर्फ कांग्रेस ही नहीं संघ और भाजपा के बचे-खुचे नेताओं का भी अस्तित्व तय करेगा

संघ के लिए केंद्र में सत्ता मंज़िल की सीढ़ी है, अपने आप में मंज़िल नहीं. उसने भाजपा को दो से अस्सी सीट पर पहुंचाने वाले, राम मंदिर मुद्दे के पुरोधा लालकृष्ण आडवाणी को किनारे कर मोदी के लिए हामी भरने में कोई देरी नहीं की. वो कभी ऐसे किसी भी नेता को मंज़ूर नहीं करेगा जो उसकी विचारधारा और ताक़त से ज़्यादा कद्दावर दिखने लगे.

संघ से संवाद: दक़ियानूसी विचारों को नई पैकेजिंग के ज़रिये आकर्षक बनाने का पैंतरा

वे सभी लोग जो नए कलेवर में प्रस्तुत संघ को लेकर प्रसन्न हो रहे हैं, उन्हें यह जानना होगा कि यह कोई पहली बार नहीं है जब संघ इस क़वायद में जुटा है. उन्हें 1977 के अख़बारों को पलट कर देखना चाहिए जब यह बात फैलाई जा रही थी कि संघ अब अपनी कतारों में मुसलमानों को भी शामिल करेगा. लेकिन यह शिगूफ़ा साबित हुआ.

भागवत जी, आपकी कथनी के करनी में बदल जाने तक उस पर विश्वास नहीं किया जा सकता

संघ प्रमुख के हालिया बयानों की गंभीरता और विश्वसनीयता को इस कसौटी पर परखा जाना चाहिए कि आरएसएस से संबद्ध संगठन अपना आगामी चुनाव अभियान किस तरह से चलाते हैं.

सुप्रीम कोर्ट, चुनाव आयोग, आरबीआई जैसे संस्थान भारत की दीवारें, सरकार उन्हें बांट रही: राहुल

लंदन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री यह कहकर हर एक भारतीय का अपमान करते हैं कि पिछले 70 वर्ष में कुछ नहीं हुआ.

डोकलाम में आज भी मौजूद है चीनी सेना, मुस्लिम ब्रदरहुड जैसे ही आरएसएस के विचार: राहुल गांधी

लंदन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि पाकिस्तान को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास सोच-समझकर तैयार की गई कोई नीति नहीं है.

प्रधानमंत्री ने जनता से 60 महीने मांगे थे, 50 हवाबाज़ी में बिता दिए!

‘चतुर’ प्रधानमंत्री ने चुनाव के लिए निर्धारित समय से पहले ही ख़ुद को अपनी पार्टी के प्रचारक में बदल लिया है. सरकारी तंत्र व समर्थक मीडिया की जुगलबंदी के ज़रिये जनता को यह यकीन करने पर मजबूर किया जा रहा है कि उनकी सरकार खूब काम कर रही है.

सदन में दिखा कि राहुल और जो भी हों, ‘पप्पू’ तो नहीं हैं

कांग्रेस ने यह संकेत दिया है कि राहुल की प्रधानमंत्री पद की दावेदारी के लिए वह भाजपा के ख़िलाफ़ प्रस्तावित विपक्षी महागठबंधन को ख़तरे में नहीं डालने वाली.