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जेएनयू के पूर्व छात्र उमर ख़ालिद ने वर्ष 2020 में उत्तर पूर्व दिल्ली में भड़के दंगों से जुड़े एक मामले में जेल में 1,000 दिन पूरे कर लिए हैं. ख़ालिद को दिल्ली पुलिस द्वारा सितंबर 2020 में गिरफ़्तार किया गया था और उन पर यूएपीए और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं.
2020 के दिल्ली दंगों के मामले में गिरफ़्तार हुए पिंजरा तोड़ के तीन कार्यकर्ताओं- जेएनयू की नताशा नरवाल, देवांगना कलीता और जामिया मिलिया इस्लामिया के आसिफ़ इकबाल तन्हा को जून 2021 में दिल्ली हाईकोर्ट से ज़मानत मिली थी. दिल्ली पुलिस ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.
उत्तर पूर्व दिल्ली दंगे से संबंधित एक मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने पाया कि मामले के चार आरोपियों में से एक के ख़िलाफ़ सबूत के तौर मौजूद वीडियो पुलिस ने जांच के लिए एफएसएल लैब भेजा था, लेकिन वह चल नहीं रहा था. पुलिस ने दोबारा सही वीडियो भेजने के बजाय अदालत में पूरक आरोप-पत्र दायर कर दिया था.