उत्तराखंड में धर्मांतरण रोधी सख़्त क़ानून को राज्यपाल ने मंज़ूरी दी

धर्म की स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक को बीते 30 नवंबर को उत्तराखंड विधानसभा द्वारा पारित किया गया था. इसमें ग़ैर-कानूनी धर्मांतरण को संज्ञेय और ग़ैर-जमानती अपराध बनाने के लिए अधिकतम 10 साल के कारावास की सज़ा का प्रावधान है.

उत्तराखंड विधानसभा में सख़्त प्रावधान वाला धर्मांतरण रोधी संशोधन ​विधेयक पारित

उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक-2022 में जबरन धर्म परिवर्तन के दोषियों के लिए तीन साल से लेकर 10 साल तक की सज़ा का प्रावधान किया गया है. अपराध करने वाले को अब कम से कम पांच लाख रुपये की मुआवज़ा राशि का भुगतान भी करना पड़ सकता है, जो पीड़ित को दी जाएगी.