वीडियो: मुंबई की आरे कॉलोनी में बनने वाले मेट्रो कार शेड को लेकर मुंबई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने बीते 24 अप्रैल की सुबह तक़रीबन 500 पेड़ काट दिए. ये सारे पेड़ यहां के स्थानीय निवासियों ने लगाए थे. इस क़दम से इन लोगों में नाराज़गी है.
सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड को मुंबई की आरे कॉलोनी में अपनी कार शेड परियोजना में ‘ट्रेन रैंप’ के निर्माण के लिए 84 पेड़ों को काटने की अर्ज़ी संबंधित प्राधिकार के समक्ष रखने की अनुमति देते हुए कहा कि बड़े सार्वजनिक कोष वाली ऐसी परियोजनाओं में अदालत गंभीर अव्यवस्था से बेख़बर नहीं हो सकती.
मुंबई के मेट्रो कार शेड परियोजना को लेकर आरे कालोनी में पेड़ों की कटाई का हरित कार्यकर्ता और निवासी लगातार विरोध कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड को पेड़ों को न काटने के वचन का पालन करने का निर्देश देते हुए चेतावनी दी कि किसी भी तरह का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
मुंबई के आरे वन क्षेत्र में मेट्रो-3 कार शेड परियोजना को 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण लेकर आए थे. जिसे बाद में देवेंद्र फडणवीस सरकार ने भी आगे बढ़ाया था, जबकि पर्यावरण कार्यकर्ता लगातार इसके विरोध में थे. 2019 में जब उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाविकास अघाड़ी सरकार सत्ता में आई तो उसने इस परियोजना पर रोक लगा दी थी. अब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सत्ता संभालने के तुरंत बाद इसे हरी झंडी दे दी है.
उद्धव ठाकरे सरकार ने 2019 में पर्यावरण संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए मुंबई के आरे वन क्षेत्र में मेट्रो-3 कार शेड परियोजना के काम पर रोक लगा दी थी, लेकिन एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस द्वारा 30 जून को क्रमश: मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद मेट्रो कार शेड पर काम फिर से शुरू करने का निर्णय लिया गया था. आरे वन क्षेत्र मुंबई के उपनगर गोरेगांव में एक हरित क्षेत्र है. इस शहर का
हाथों में तख़्तियां लिए प्रदर्शनकारियों ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र की नई सरकार के उस प्रस्ताव के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी की, जिसमें मेट्रो-3 कार शेड परियोजना को दोबारा मुंबई के आरे वन क्षेत्र में स्थानांतरित करने का फैसला किया गया है. शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन में 600 से अधिक मुंबईकरों ने भाग लिया.