नागरिकता अधिनियम की धारा-6ए की संवैधानिक वैधता की समीक्षा करेगा सुप्रीम कोर्ट

नागरिकता अधिनियम की धारा-6ए विशेष प्रावधान के तहत शामिल की गई है ताकि असम समझौते के तहत आने वाले लोगों की नागरिकता से संबंधित मामलों से निपटा जा सके. क़ानून का यह प्रावधान बांग्लादेश से असम आने वालों के लिए 25 मार्च 1971 की ‘कट ऑफ तारीख’ तय करता है.

असम: एनआरसी संयोजक ने विदेशी न्यायाधिकरणों से कहा- 2019 में आई सूची फाइनल नहीं

सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में असम एनआरसी की अंतिम सूची अगस्त 2019 में प्रकाशित हुई थी, जिसमें 19 लाख से अधिक लोगों के नाम शामिल नहीं थे. इस सूची के प्रकाशन के बाद से ही राज्य समन्वयक हितेश देव शर्मा और राज्य की भाजपा सरकार इस पर सवाल उठाते रहे हैं.

असम साहित्य सभा और स्टूडेंट यूनियन ने राज्य में हिंदी को अनिवार्य विषय बनाए जाने का विरोध किया

असम में विपक्षी दलों ने भी केंद्र सरकार की उस घोषणा का विरोध किया है, जिसमें कहा गया था कि पूर्वोत्तर के आठों राज्य 10वीं कक्षा तक हिंदी को अनिवार्य विषय बनाने पर सहमत हो गए हैं. उन्होंने इस क़दम को ‘सांस्कृतिक साम्राज्यवाद की ओर बढ़ाया गया क़दम’ क़रार दिया.

हम चाहते हैं कि असम में एनआरसी दोबारा होः हिमंता बिस्वा शर्मा

असम में 'विदेशियों' की पहचान करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हुई एनआरसी की अंतिम सूची अगस्त 2019 में प्रकाशित हुई थी, जिसमें 3.3 करोड़ आवेदकों में से 19 लाख से अधिक लोग को इस सूची जगह नहीं मिली थी. फाइनल सूची आने के बाद से ही राज्य की भाजपा सरकार इस पर सवाल उठाती रही है.

असम: पूर्व छात्र नेता को पुलिस ने गोली मारी, परिजनों के ज़्यादती के आरोपों के बीच जांच के आदेश

पुलिस का आरोप है कि नागांव कॉलेज के पूर्व सचिव कीर्ति कमल बोरा एक ड्रग रैकेट में शामिल थे और उन्होंने पुलिस पर हमला किया, इसलिए उन पर आत्मरक्षा में गोली चलाई गई. बोरा के परिजनों का कहना है कि उन्हें फ़र्ज़ी आरोप में फंसाया जा रहा है. विपक्ष ने इस घटना को राज्य में 'पुलिसराज का ख़तरनाक नतीजा' कहा है.

असम में बकरी चुराने के संदेह में व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या, दो लोग हिरासत में

असम के गोलाघाट जिले के ज़िले के ममरानी गांव का मामला. पुलिस ने बताया कि एक जनवरी की रात में पीड़ित पर हमला किया गया और रविवार सुबह उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई. आरोपियों में से एक व्यक्ति की बकरी गायब हो गई थी और दास पर चोरी करने का संदेह था, जिसके बाद बकरी के मालिक ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर दास की पिटाई की.

असम: हिरासत से भागने के प्रयास में छात्र नेता की मौत के मुख्य आरोपी की मौत- पुलिस

जोरहाट में 29 नवंबर को ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन के एक नेता पर राह चलते हुए विवाद के बाद कथित तौर पर भीड़ ने हमला किया था, जिसके बाद उनकी मौत हो गई. पुलिस ने मुख्य आरोपी नीरज दास सहित 12 लोगों को हिरासत में लिया था. पुलिस का कहना है कि हिरासत से भागने के प्रयास में दास एक अन्य पुलिस वाहन की चपेट में आ गए और उनकी मौत हो गई.

असमः सड़क पर हुए विवाद के बाद हुए भीड़ के हमले में छात्र नेता की मौत, दो घायल

घटना जोरहाट की है, जहां 29 नवंबर को ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन के नेता पर राह चलते हुए एक विवाद के बाद कथित तौर पर भीड़ ने हमला किया, जिसके बाद उनकी मौत हो गई. इस दौरान उनके साथ वाहन पर यात्रा कर रहे दो अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे.

असम: बेदख़ली अभियान पर ‘भड़काऊ’ टिप्पणी करने के आरोपी कांग्रेस विधायक पार्टी से निलंबित

कांग्रेस विधायक शर्मन अली अहमद को बीते दिनों दरांग ज़िले में हुए अतिक्रमण रोधी अभियान को लेकर विवादित टिप्पणी करने के लिए शनिवार को गिरफ़्तार किया गया है. कांग्रेस की असम इकाई ने बताया कि पार्टी के अनुशासन का ‘बार-बार उल्लंघन करने’ को लेकर अहमद को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.

असम बेदख़ली अभियान: सांप्रदायिक टिप्पणी के आरोप में कांग्रेस विधायक गिरफ़्तार

आरोप है कि कांग्रेस विधायक शर्मन अली अहमद ने 1983 में असम आंदोलन के दौरान सिपाझार इलाके के पास राज्य के आठ युवाओं की हत्या पर विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि आंदोलन के दौरान मारे गए आठ युवा ‘शहीद’ नहीं बल्कि ‘हत्यारे’ थे, क्योंकि वे अल्पसंख्यक समुदाय के अन्य लोगों की हत्या में शामिल थे. बीते दिनों इसी इलाके में प्रशासन की ओर से चलाए गए बेदख़ली अभियान के दौरान हिंसा में 12 साल के एक बच्चे

हिमंता बिस्वा शर्मा के बयान पर आसू ने कहा- असम समझौते के खंड 6 से कोई समझौता नहीं होगा

असम के वरिष्ठ मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने बुधवार को असम समझौते के खंड 6 को लेकर बनी केंद्रीय समिति की रिपोर्ट को लेकर कहा था कि सरकार इस समिति की सिफ़ारिशें लागू नहीं कर सकती क्योंकि वे क़ानूनी वास्तविकता से परे हैं. आसू ने इसे लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है.

असम एनआरसी का एक साल: अंतिम सूची से बाहर रहे 19 लाख लोगों के साथ क्या हुआ

एनआरसी की अंतिम सूची के प्रकाशन के एक साल बाद भी इसमें शामिल नहीं हुए लोगों को आगे की कार्रवाई के लिए ज़रूरी रिजेक्शन स्लिप का इंतज़ार है. प्रक्रिया में हुई देरी के लिए तकनीकी गड़बड़ियों से लेकर कोरोना जैसे कई कारण दिए जा रहे हैं, लेकिन जानकारों की मानें तो वजह केवल यही नहीं है.

गृह मंत्रालय की समिति नहीं बता सकती कौन असमिया, विधानसभा की स्वीकृति ज़रूरी: हिमंता बिस्वा सरमा

असम समझौते के खंड छह को लागू करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा गठित 14 सदस्यीय समिति के चार सदस्यों ने फरवरी में राज्य सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को रिपोर्ट लीक कर दी थी.

वर्ष 1951 से होगा ‘असमिया लोगों’ का निर्धारण: गृह मंत्रालय की समिति की रिपोर्ट

असमिया लोगों के निर्धारण के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा असम समझौते की धारा छह को लागू करने के लिए गठित एक उच्चस्तरीय समिति की रिपोर्ट को इसके चार सदस्यों ने सार्व​जनिक कर दिया है. इसमें गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि असमिया लोगों के निर्धारण के लिए 1951 को कट-ऑफ वर्ष माना जाना चाहिए.