सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के सचिव आर. सुब्रह्मण्यम ने कहा कि मंत्रालयीन स्तर पर विचार के बाद यह महसूस किया गया कि विदेश जाकर भारतीय इतिहास, संस्कृति और विरासत पढ़ने के लिए छात्रवृत्ति की ज़रूरत नहीं है. कांग्रेस नेता पीएल पुनिया ने इसे दलितों को उच्च शिक्षा प्रणाली से बाहर करने वाला क़दम बताया है.