एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि गौतम अडानी के नेतृत्व वाला अडानी समूह बकाया ऋण की शर्तों पर फिर से बातचीत करना चाहता है, जो कि 4 बिलियन डॉलर के हैं. अडानी समूह ने यह क़र्ज़ पिछले साल अगस्त में स्विट्ज़रलैंड के होल्सिम समूह से लिया था.
हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने पर अडानी समूह की ओर से कहा गया था कि विनोद अडानी, समूह की किसी भी सूचीबद्ध संस्था या उसकी सहायक कंपनियों में कोई प्रबंधकीय पद नहीं रखते हैं और उनके दैनिक मामलों में उनकी कोई भूमिका नहीं है. समूह की ओर से अब कहा गया है अडानी समूह और विनोद अडानी को एक माना जाना चाहिए.
द फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते जनवरी माह में अमेरिकी निवेश फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा स्टॉक हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी के आरोपों लगाए जाने के बाद अडानी समूह की यह पहली परिसंपत्ति बिक्री होगी.
एक रिपोर्ट में बताया गया है कि हिंडनबर्ग रिसर्च की हालिया रिपोर्ट के बाद बीते 22 फरवरी तक एलआईसी, अडानी समूह के अपने निवेश में 94 करोड़ रुपये के लाभ में था, लेकिन 23 फरवरी को दोपहर तक वह 500 करोड़ रुपये के घाटे में चला गया था.
30 अक्टूबर को मोदी राष्ट्रीय जांच एजेंसी के नए महानिदेशक का पद संभालेंगे, वह शरद कुमार की जगह लेंगे.