वीडियो: डिजिटल अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्थाओं- एक्सेस नाउ और ग्लोबल विटनेस ने हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में कहा कि यूट्यूब ने अपने मंच पर ऐसे विज्ञापनों को मंज़ूरी दी, जिनमें गलत सूचनाएं दी गई थीं. इस बारे में एक्सेस नाउ के रमनजीत सिंह चीमा और ग्लोबल विटनेस के हेनरी पेक से बातचीत.
हाल ही में जी20 देशों की साइबर सुरक्षा के विषय पर एक बैठक हुई थी, जिसमें कहा गया कि इंटरनेट पर प्रतिबंध जनता के बीच विश्वास बनाए रखने की दिशा में सबसे बड़े खतरों में से एक है और भारत को इंटरनेट बंद करने पर रोक लगानी चाहिए.
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर विभिन्न मानवाधिकार संगठनों, मीडिया और तकनीकी अधिकार समूहों ने एक बयान जारी कर सरकार द्वारा लाए गए नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों के मीडिया और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर पड़ने वाले हानिकारक दुष्प्रभावों को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए उन्हें वापस लेने की मांग की है.
105 देशों के 300 से अधिक संगठनों ने इंटरनेट शटडाउन को समाप्त करने की वकालत करने वाले #KeepItOn गठबंधन के बैनर तले केंद्रीय संचार एवं इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव को लिखे खुले पत्र में बताया है कि भारत ने 2022 में 84 बार ‘इंटरनेट शटडाउन’ किया. विश्व में लगातार पांचवें वर्ष भारत में यह संख्या सबसे अधिक रही.
ऑडियो: वैश्विक डिजिटल अधिकार समूह एक्सेस नाउ के साथ काम करने वाली नम्रता माहेश्वरी का कहना है कि भारत में इंटरनेट शटडाउन के आदेश देने की प्रणाली पूरी तरह से अपारदर्शी है. साथ ही इसमें जवाबदेही का भी अभाव है.
वैश्विक डिजिटल अधिकार समूह एक्सेस नाउ और #KeepItOn द्वारा संकलित डेटा बताता है कि 2022 में दुनियाभर के 35 देशों ने कम से कम 187 बार इंटरनेट बंद किया. भारत में इस अवधि में 84 इंटरनेट शटडाउन हुए, जो दुनिया में सर्वाधिक थे.
डिजिटल राइट एडवोकेसी ग्रुप एक्सेस नाउ द्वारा जारी नई रिपोर्ट बताती है कि साल 2021 में दुनियाभर के 34 देशों में लगभग 182 बार इंटरनेट को बाधित किया गया, जो 2020 की तुलना में कुछ अधिक है.
डिजिटल अधिकारों के लिए काम करने वाले एक्सेस नाउ और सौ के क़रीब नागरिक समाज संगठनों व स्वतंत्र विशेषज्ञों का कहना है कि वे एनएसओ ग्रुप के स्पायवेयर द्वारा विश्वभर में बड़े पैमाने पर हो रहे मानवाधिकार उल्लंघन संबंधी खुलासों से चिंतित हैं और सरकारों को इसे नियंत्रित करने के लिए क़दम उठाने चाहिए.