बीते 24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट जारी कर अडानी समूह पर स्टॉक हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए थे, जिसके बाद कंपनी के शेयरो में भारी गिरावट देखी गई थी. इसके बाद 1 फरवरी को समूह ने 20,000 करोड़ रुपये के अपने पूरी तरह सब्सक्राइब्ड हो चुके एफपीओ को वापस ले लिया था.
अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडानी समूह की कंपनियों के ख़िलाफ़ ‘स्टॉक हेरफेर और धोखाधड़ी’ के आरोपों के बाद समूह के शेयरों में गिरावट शुरू होने के बीच अपनी चुप्पी तोड़ते हुए सरकार ने कहा कि एसबीआई और एलआईसी ने बहुत स्पष्ट रूप से कहा है कि उनके द्वारा दिया गया क़र्ज़ अनुमति सीमा के भीतर है.