जो लोग यक़ीन करते हैं कि भारत अब भी एक लोकतंत्र है, उनको बीते कुछ महीनों में मणिपुर से लेकर मुज़फ़्फ़रनगर तक हुई घटनाओं पर नज़र डालनी चाहिए. चेतावनियों का वक़्त ख़त्म हो चुका है और हम अपने अवाम के एक हिस्से से उतने ही ख़ौफ़ज़दा हैं जितना अपने नेताओं से.
वीडियो: सुप्रीम कोर्ट में एक हलफ़नामा दायर किया गया, जिसमें अडानी-हिंडनबर्ग मामले की जांच की मांग करने वाले एक याचिकाकर्ता अनामिका जायसवाल ने सेबी पर आरोप लगाया है कि उसने अडानी की ओर से स्टॉक मार्केट में हेराफेरी करने से संबंधित राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) के 2014 के अलर्ट को छिपाया था.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
जी-20 देशों के शिखर सम्मेलन के बीच कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर कहा है कि प्रधानमंत्री ने न सिर्फ़ बंदरगाह, हवाई अड्डे, बिजली और सड़क जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपने करीबी मित्र अडानी के लिए ‘मोदी निर्मित एकाधिकार’ स्थापित करने में मदद की है, बल्कि उन्होंने सेबी, सीबीआई, ईडी जैसी विभिन्न एजेंसियों द्वारा अडानी के गलत कार्यों की सभी जांच को सुनियोजित ढंग से बंद भी कर दिया है.
वीडियो: हिंडनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया था कि अडानी ग्रुप की कंपनियों में समूह के प्रमोटर भी विदेश में पैसा भेजकर इसके स्टॉक में हेराफेरी और स्टॉक कीमत बढ़ाने का फ्रॉड कर रहे हैं. अब खोजी पत्रकारों के नेटवर्क ओसीसीआरपी ने अपनी रिपोर्ट में अडानी समूह की ऑफशोर फंडिग को लेकर प्रमोटरों के नाम का ख़ुलासा किया है.
अडानी समूह की ऑफशोर फंडिग को लेकर खोजी पत्रकारों के नेटवर्क ओसीसीआरपी द्वारा प्राप्त और अंतरराष्ट्रीय अख़बारों- द गार्जियन और फाइनेंशियल टाइम्स में प्रकाशित रिपोर्ट का हवाला देते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और सरकार अडानी को क्यों बचा रहे हैं.
वीडियो: पिछले 5 साल में अडानी ग्रुप ने बंदरगाह के कारोबार में ज़बरदस्त कमाई की है. द वायर पर प्रकाशित तीन लेखों की शृंखला में आंध्र प्रदेश के गंगावाराम पोर्ट के अडानी समूह द्वारा अधिग्रहण को आधार बनाकर बताया गया है कि कैसे सरकार ने समूह का कारोबार बढ़ाने में मदद की. इसे विस्तार से बता रहे हैं अजय कुमार.
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खोजी पत्रकारों के नेटवर्क ओसीसीआरपी के पत्रकारों द्वारा प्राप्त और अंतरराष्ट्रीय अख़बारों- द गार्जियन और फाइनेंशियल टाइम्स के साथ साझा किए गए दस्तावेज़ बताते हैं कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अडानी समूह में आने वाले जिन 'मॉरीशस के निवेश फंड्स' ज़िक्र किया गया था, उनके तार अडानी समूह से ही जुड़े हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया ग्रीस यात्रा को लेकर वहां के मीडिया में प्रकाशित ख़बरों के अनुसार, अडानी समूह के प्रमुख की दिलचस्पी ग्रीक बंदरगाहों में निवेश में है. अडानी की निगाह दो बंदरगाहों- कावला और दूसरे वोलोस पर है. साथ ही बताया गया है कि उनकी दिलचस्पी अलेक्जेंड्रोपोली में भी है.
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डेलॉइट हास्किन्स और सेल्स ने अडानी पोर्ट्स और सेज़ के वित्तीय लेन-देन पर कुछ चिंताएं ज़ाहिर करने के बाद ऑडिटर के तौर पर ख़ुद को अलग कर लिया है. इसे लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि ऑडिटर ने कंपनी के खातों पर सवाल उठाए थे, जिसका जवाब नहीं दिया गया और उसे इस्तीफ़े को मजबूर किया गया.
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संसद का विशेष सत्र बुलाने और उन मुद्दों पर बहस की अनुमति देने की चुनौती दी, जिन पर विपक्ष चर्चा करना चाहता है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा कि जीवंत लोकतंत्र के बिना एक बड़ी इमारत (संसद) का कोई अर्थ नहीं है.
सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों की निजीकरण की केंद्र की सूची में शामिल कंपनियों में से कम से कम चार में वेदांता इच्छुक है. अडानी समूह की भी इनमें से कुछ में दिलचस्पी है. हालांकि समूह ने अतिरिक्त क़र्ज़ न लेने और ऋण चुकाने पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया है. वहीं वेदांता की कंपनियां इस साल अपने शेयरों की कीमतों में गिरावट से जूझ रही हैं.
वीडियो: मीडिया का एक तबका कह रहा है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी ने अडानी समूह को क्लीन चिट दे दी है. क्या वाकई ऐसा हुआ है? इसे जानने का तरीका यह है कि जाना जाए कि हिंडनबर्ग रिसर्च में आरोप क्या थे और क्या कोर्ट ने इन सभी को लेकर कोई कमेटी बनाई थी? अगर नहीं तो फिर कमेटी का काम क्या था?