केंद्र के फैसले का स्वागत करती हूं, लेकिन आफ़स्पा को निरस्त किया जाना चाहिए: इरोम शर्मिला

मानवाधिकार कार्यकर्ता शर्मिला ने कहा है कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है. हम इस औपनिवेशिक क़ानून को कब तक बरक़रार रखेंगे? उग्रवाद से लड़ने के नाम पर करोड़ों रुपये बर्बाद किए जाते हैं, जिनका उपयोग पूर्वोत्तर के समग्र विकास के लिए किया जा सकता है. आफ़स्पा प्रगति की राह में एक रोड़ा है.

अरुणाचल: ग़लत पहचान के मामले में असम राइफल्स के जवान की गोलीबारी में दो युवक घायल

स्थानीय रिपोर्ट के अनुसार, तिरप ज़िले में असम राइफल्स के जवान ने मछली पकड़कर घर लौट रहे युवकों पर आतंकवादी होने के संदेह में गोली चलाई. यह ज़िला आफ़स्पा के अंतर्गत आता है, जिसे लेकर दिसंबर 2021 में नगालैंड में सुरक्षाबलों की गोलाबारी में 14 नागरिकों की मौत के बाद से सवाल उठाए जा रहे हैं.

नगालैंड, असम और मणिपुर में आफ़स्पा के तहत आने वाले क्षेत्रों को घटाने का ऐलान

गृह मंत्रालय के अनुसार, नगालैंड के सात ज़िलों के 15 थाना क्षेत्र, मणिपुर के छह ज़िलों में 15 थाना क्षेत्र और असम के 23 ज़िलों में पूरी तरह से और एक ज़िले में आंशिक रूप से आफ़स्पा हटाया जा रहा है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा उग्रवाद ख़त्म करने के लिए किए गए कई समझौतों के फलस्वरूप आफ़स्पा के तहत आने वाले इलाकों को घटाया जा रहा है.

14 नागरिकों की हत्या पर एसआईटी रिपोर्ट केंद्र की मंज़ूरी के बाद सार्वजनिक की जाएगी: नगालैंड सीएम

पिछले साल चार और पांच दिसंबर को नगालैंड के मोन जिले के ओटिंग और तिरु गांवों के बीच सेना की गोलीबारी में कम से कम 14 नागरिकों के मौत हो गई थी. मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने कहा कि सेना के पैरा-कमांडो द्वारा 14 नागरिकों की कथित हत्या की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) के नतीजे केंद्र से दोषियों पर मुक़दमा चलाने की मंज़ूरी मिलने के बाद सार्वजनिक किए जा सकते हैं.

असम: छह महीने के लिए बढ़ाई गई आफ़स्पा की अवधि

असम सरकार द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि बीते छह महीने की क़ानून-व्यवस्था की समीक्षा के बाद पूरे राज्य को 28 फरवरी, 2022 से अगले छह महीने के लिए 'अशांत क्षेत्र' घोषित किया है. नवंबर 1990 में राज्य में आफ़स्पा लागू किया गया था, जिसके बाद लगातार छह महीने के लिए इसकी अवधि में विस्तार किया जा रहा है.

मणिपुर: भाजपा ने आफ़स्पा को ‘संगठित हिंसा’ क़ानून में बदल दिया है- कांग्रेस नेता

मणिपुर कांग्रेस के प्रभारी भक्त चरण दास ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि आफ़स्पा अपने शुरुआती स्तर पर अलग था, पर अब यह नागरिकों के ख़िलाफ़ हिंसा को बढ़ावा देता है. ये लोग (भाजपा) इसे नागरिकों के ख़िलाफ़ इस्तेमाल करना चाहते हैं. वे सत्ता में बने रहने के लिए आतंक का माहौल बनाए रखना चाहते हैं.

नगालैंड नागरिकों की मौत: एसआईटी के सामने सेना ने कहा, पहचानने में ग़लती से हुई घटना

नगालैंड में दिसंबर माह में सेना की गोलीबारी में हुई आम नागरिकों की मौतों की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई थी. जांच के दौरान एसआईटी के सामने बयान देने वाले सेना के 37 जवान इस बात पर अड़े हैं कि उन्हें जो ख़ुफ़िया जानकारी मिली थी, वह ग़लत साबित हुई जिसके चलते 13 आम नागरिक मारे गए.

चाहते हैं आफ़स्पा हटे, पर केंद्र की सहमति से, राष्ट्र सुरक्षा प्राथमिकता: मणिपुर मुख्यमंत्री

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा कि हम एक सीमावर्ती राज्य हैं और म्यांमार के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करते हैं. मुझे राष्ट्रहित को भी देखना होगा. लेकिन एक मणिपुरी होने और मणिपुर का मुख्यमंत्री होने के नाते, मैं चाहता हूं कि आफ़स्पा हटा दिया जाए.

नगालैंड से आफ़स्पा हटाने की मांग को लेकर 70 किलोमीटर लंबा पैदल मार्च निकाला गया

आफ़स्पा के विरोध और सुरक्षाबलों की गोलीबारी में मारे गए 14 आम नागरिकों के लिए इंसाफ़ की मांग करते हुए सैकड़ों की संख्या में नगा लोगों ने नगालैंड के दीमापुर शहर से 70 किलोमीटर दूर राज्य की राजधानी कोहिमा तक पैदल मार्च किया.

नॉर्थ ईस्ट डायरीः चीन बोला- अरुणाचल प्राचीन काल से हमारा हिस्सा, विपक्ष ने पूछा- मौन क्यों पीएम

इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में अरुणाचल प्रदेश, मिज़ोरम, असम, नगालैंड, मणिपुर और त्रिपुरा के प्रमुख समाचार.

मणिपुर को ‘अशांत क्षेत्र’ का दर्जा देना अब ज़रूरी नहीं: राज्य मानवाधिकार आयोग

राज्य से आफ़स्पा हटाने को लेकर दर्ज एक स्वत: संज्ञान मामले की सुनवाई के दौरान मणिपुर मानवाधिकार आयोग ने कहा कि यह क़ानून सशस्त्र बलों को क़ानून-व्यवस्था बनाए रखने के नाम पर गोली मारने तक का अधिकार देता है. यह संविधान के तहत मिले जीवन के अधिकार का उल्लंघन है.

नगालैंड: नगा संगठनों और आदिवासी समूहों ने आफ़स्पा की अवधि बढ़ाए जाने की निंदा की

केंद्र सरकार ने नगालैंड की स्थिति को अशांत और ख़तरनाक क़रार देते हुए विवादास्पद आफ़स्पा के तहत छह और महीने के लिए पूरे राज्य को अशांत क्षेत्र घोषित कर दिया है. सुरक्षा बलों की गोलीबारी में 14 नागरिकों की मौत के बाद नगालैंड से विवादास्पद आफ़स्पा को वापस लेने की संभावना की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति के गठन के कुछ दिनों बाद केंद्र द्वारा यह क़दम उठाया गया है. 

आफ़स्पा हटाए जाने की मांग के बीच केंद्र सरकार ने नगालैंड में इसकी अवधि बढ़ाई

गृह मंत्रालय ने कहा है कि केंद्र सरकार की राय है कि पूरे नगालैंड राज्य का क्षेत्र इतनी अशांत और ख़तरनाक स्थिति में है कि नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए सशस्त्र बलों का उपयोग आवश्यक है. बीते चार और पांच दिसंबर को मोन ज़िले में सेना की गोलीबारी में कम से कम 14 नागरिकों के मौत के बाद आफ़स्पा को वापस लेने की मांग हो रही है.

नगालैंड: राज्य से आफ़स्पा हटाने की संभावना पर गौर करने के लिए केंद्र ने समिति गठित की

सेना की गोलीबारी में 14 लोगों की मौत के बाद बढ़े तनाव के मद्देनज़र केंद्र ने दशकों से नगालैंड में लागू विवादास्पद आफ़स्पा हटाने की संभावना पर गौर करने के लिए भारत के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त विवेक जोशी की अगुवाई ने पांच सदस्यीय समिति गठित की है, जो 45 दिन में अपनी रिपोर्ट देगी. 

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