आईसीएआर ने अपने वर्तमान और पूर्व अधिकारियों को जीएम सरसों पर विचार रखने से रोका

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने अपने सेवारत और पूर्व अधिकारियों को एक आदेश जारी करते हुए कहा है कि वे जीएम सरसों की पर्यावरणीय मंज़ूरी के संबंध में कोई भी राय व्यक्त न करें, न लेख लिखें. इस क़दम की आलोचना करते हुए पर्यावरणविदों, कृषि विशेषज्ञों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा है कि जीएम सरसों के संबंध में छिपाने के लिए काफी कुछ है.

कोर्ट ने केंद्र से पूछा- जीएम सरसों की पर्यावरणीय मंज़ूरी के पीछे क्या बाध्यकारी कारण है

पर्यावरण मंत्रालय के तहत गठित जेनेटिक इंजीनियरिंग मूल्यांकन समिति ने गत अक्टूबर में ट्रांसजेनिक सरसों हाइब्रिड किस्म डीएमएच-11 की पर्यावरणीय मंज़ूरी दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि क्या जीएम सरसों की पर्यावरण मंज़ूरी देने के पीछे कोई बाध्यकारी कारण रहा है कि ऐसा न करने से देश असफल हो जाएगा.

पहली किस्त से 11वीं किस्त तक पीएम-किसान लाभार्थियों की संख्या दो-तिहाई घटी: रिपोर्ट

एक आरटीआई आवेदन के जवाब में कृषि मंत्रालय ने बताया है कि पीएम-किसान योजना के तहत 2019 में 11.84 करोड़ किसानों को दो हज़ार रुपये की पहली किस्त मिली थी, वहीं इस साल केवल 3.87 करोड़ लाभार्थियों को ही 11वीं किस्त मिली है.

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- निराधार आशंकाओं के आधार पर हो रहा है जीएम फसलों का विरोध

पर्यावरण मंत्रालय की जेनेटिक इंजीनियरिंग मूल्यांकन समिति ने आनुवंशिक रूप से संशोधित सरसों के पर्यावरणीय परीक्षण के लिए बीज जारी करने की अनुशंसा की है. समिति के इस निर्णय के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है.

सरकार ने चीनी निर्यात पर लगाई गई रोक एक साल के लिए बढ़ाई

सरकार ने इस साल एक जून से चीनी के निर्यात पर पाबंदी लगा दी थी, जो 31 अक्टूबर को ही ख़त्म होने वाली थी. हालांकि, विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने बताया कि इसे अब अक्टूबर 2023 तक बढ़ा दिया गया है.

‘जीएम’ सरसों को मंज़ूरी की सिफ़ारिश के विरोध में उतरे आरएसएस से जुड़े संगठन

पर्यावरण मंत्रालय की जेनेटिक इंजीनियरिंग मूल्यांकन समिति ने आनुवंशिक रूप से संशोधित सरसों के पर्यावरणीय परीक्षण के लिए बीज जारी करने की अनुशंसा की है. आरएसएस से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच और भारतीय किसान संघ ने इसे ख़तरनाक़ और कैंसरकारक बताते हुए केंद्र सरकार को पत्र लिखा है.

बढ़ती क़ीमतें नियंत्रित करने के लिए अब गेहूं के आटे के निर्यात पर पाबंदी लगाई गई

इससे पहले मई महीने में सरकार ने घरेलू स्तर पर बढ़ते दामों पर अंकुश लगाने के लिए गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी थी. एक सरकारी बयान के अनुसार, इस निर्णय के बाद गेहूं के आटे की विदेशी मांग में उछाल आया है.

छत्तीसगढ़: भूपेश बघेल सरकार ने गोमूत्र ख़रीद की शुरुआत की

छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जो पशुपालक ग्रामीणों से दो रुपये प्रति किलोग्राम की दर गोबर खरीदने के बाद अब चार रुपये लीटर में गोमूत्र ख़रीद रहा है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 28 जुलाई को गोमूत्र खरीद की शुरुआत करते हुए कहा कि जैविक खाद और जैविक कीटनाशक का उपयोग करने से खेती की लागत में कमी आएगी. खाद्यान्न की गुणवत्ता बेहतर होगी, जिससे जन-जीवन का स्वास्थ्य बेहतर होगा.

‘पंजाब: जिनां राहां दी मैं सार न जाणां’ कविता या कहानी नहीं, अतीत और आज का जीवंत दस्तावेज़ है

पुस्तक समीक्षा: अमनदीप संधू की किताब 'पंजाब: जर्नी थ्रू फॉल्ट लाइंस' के पंजाबी अनुवाद 'पंजाब: जिनां राहां दी मैं सार न जाणां' में वो पंजाब नहीं दिखता है जो फिल्मों, गीतों में दिखाया जाता रहा है. यहां इस सूबे की तल्ख़, खुरदरी और ज़मीनी हक़ीक़त से सामना होता है.

पिछले कई सालों से पानी की क़िल्लत से परेशान दिल्लीवासी, आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?

वीडियो: दिल्ली देश की राजधानी है, लेकिन हर साल गर्मियों के मौसम में मानसून आने से पहले यहां पानी की किल्लत शुरू हो जाती है. दिल्ली को पानी की जितनी ज़रूरत है, उतनी आपूर्ति नहीं होती है. इस वजह से दिल्ली में हर साल पानी का संकट खड़ा हो जाता है.

पंजाब: 18 सालों में 6 ज़िलों के नौ हज़ार किसानों ने आत्महत्या की, 88 फीसदी क़र्ज़ में थे- अध्ययन

पंजाब कृषि विश्वविद्यालय द्वारा संगरूर, बठिंडा, लुधियाना, मनसा, मोगा और बरनाला ज़िलों के सभी गांवों में घर-घर जाकर किया गया सर्वे बताता है कि साल 2000 से 2018 के बीच आत्महत्या करने वालों में सीमांत और छोटे किसानों की संख्या अधिक है. इनमें से 75 फीसदी किसान 35 वर्ष से कम उम्र के थे.

आज़मगढ़ उपचुनाव: क्या समाजवादी पार्टी के गढ़ को भेद पाने में कामयाब होगी भाजपा

विपक्ष की राजनीति का केंद्र मानी जाने वाली आज़मगढ़ लोकसभा सीट पर 23 जून को उपचुनाव होना है. आज तक यहां से कभी जीत हासिल न करने वाली भाजपा ने इस बार अपनी पूरी ताक़त झोंक दी है, वहीं सपा और बसपा भी अपनी जीत के दावे के साथ जातीय समीकरण साधने में लगे हैं.

मोदी सरकार के व्यापार प्रतिबंधों के पीछे आर्थिक तर्क की जगह राजनीतिक नुकसान का डर है

अप्रैल में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'निर्यात केंद्रित अर्थव्यवस्था' के निर्माण के सपने की बात की थी, लेकिन एक महीने के भीतर ही केंद्र सरकार ने गेहूं, कपास, चीनी और स्टील पर निर्यात प्रतिबंध लगा दिए हैं.

क्या भारत में पेट्रोल-डीज़ल की तरह अब रोटी खाना भी महंगा होने जा रहा है?

वीडियो: भारत द्वारा कीमतों को नियंत्रण में रखने के प्रयास में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बाद वैश्विक स्तर पर गेहूं की कीमतें 14 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गईं. सरकार ने रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के कारण गेहूं की वैश्विक आपूर्ति में व्यवधान के मद्देनज़र निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया है.

घरेलू स्तर पर बढ़ते दाम को नियंत्रित करने के लिए गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक

सरकार ने रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के कारण गेहूं की वैश्विक आपूर्ति में व्यवधान के मद्देनज़र निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया है. दोनों देश गेहूं के प्रमुख निर्यातक रहे हैं. कांग्रेस ने इस क़दम को ‘किसान विरोधी’ क़रार देते हुए कहा कि सरकार ने गेहूं की पर्याप्त खरीद नहीं की जिसके कारण ऐसी स्थिति पैदा हुई.

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