भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक मार्च 2018 तक में फसल बीमा के तहत कार्यरत सरकारी कंपनियों को 4,085 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इसमें से सबसे बड़ा घाटा एआईसी को हुआ है.
नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने कहा कि भाजपा समाज को बांटने वाली नीतियों को आगे बढ़ाने का काम कर रही है. उन्होंने नागरिकता बिल को भेदभावपूर्ण बताया है.
प्रख्यात अर्थशास्त्री और नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने कहा कि मैं इस बात से सहमत नहीं हूं कि क़र्ज़ माफ़ी पूरी तरह से मूर्खतापूर्ण नीति है.
वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी की अगुवाई वाली संसदीय समिति ने कहा है कि किसानों को फसल बीमा योजनाओं की ओर आकर्षित करने के लिए इनमें पर्याप्त पूंजी आवंटन की ज़रूरत है.
मोदी ने शहरी क्षेत्रों से कुछ संसाधन हटाकर ग्रामीण इलाकों की ओर मोड़ने का दांव चला, लेकिन क्या यह सफल रहा है?
कृषि मंत्रालय ने 20 नवंबर को संसदीय समिति को दी गई वह रिपोर्ट वापस ले ली, जिसमें कहा गया था कि नोटबंदी के चलते किसान खाद और बीज नहीं खरीद सके थे. समिति को दी गई नई रिपोर्ट में मंत्रालय ने कहा है कि नोटबंदी का कृषि क्षेत्र पर अच्छा असर पड़ा.
विशेष रिपोर्ट: बीमा कंपनियों को अक्टूबर 2018 तक 66,242 करोड़ रुपये का प्रीमियम मिल चुका है. एक तरफ कंपनियों को समय पर प्रीमियम मिल रहा है, वहीं दूसरी ओर किसानों के क्लेम का भुगतान कई महीनों से लंबित पड़ा है.
कृषि मंत्रालय ने स्वीकार किया है कि नोटबंदी की वजह से किसानों को खाद और बीज खरीदने में गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ा था.
द वायर एक्सक्लूसिव: आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत कंपनियों को पहले की बीमा योजनाओं के मुक़ाबले 36,848 करोड़ रुपये का ज़्यादा प्रीमियम मिला है जबकि कवर किए गए किसानों की संख्या में सिर्फ़ 0.42 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
हम भी भारत की 50वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी हालिया किसान आंदोलन और कृषि संकट से जुड़े मुद्दों पर पूर्व कृषि सचिव सिराज हुसैन और किसान शक्ति संघ के पुष्पेंद्र सिंह से चर्चा कर रही हैं.
नाबार्ड के हालिया अध्ययन के मुताबिक भारत में 10.07 करोड़ किसानों में से 52.5 प्रतिशत क़र्ज़ में दबे हुए हैं. वर्ष 2017 में एक किसान परिवार की कुल मासिक आय 8,931 रुपये थी.
वेदर रिस्क मैनेजमेंट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (डब्ल्यूआरएमएस) कंपनी के एक सर्वे में यह बात सामने आई कि सिर्फ 28.7 प्रतिशत किसानों को ही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की जानकारी है.
ग्राउंड रिपोर्ट: इस साल जनवरी में मगही पान की खेती करने वाले किसानों की फसल सर्दी की वजह से बर्बाद हो गई. सरकार की ओर से मुआवज़े का आश्वासन मिलने के बाद भी इन्हें कोई मदद नहीं मिल सकी है.
वीडियो: मोदी सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य में किए गए बदलाव और किसानों के मुद्दों पर स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव से कबीर अग्रवाल की बातचीत.
जन गण मन की बात की 276वीं कड़ी में विनोद दुआ लिंचिंग से निपटने के लिए क़ानून लाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश और असल मुद्दों से भाजपा के कन्नी काटने पर चर्चा कर रहे हैं.