2002 गुजरात दंगा: मुझे कब तक जलना होगा… अम्मा!

वीडियो: 28 फरवरी 2002 को नरोदा पाटिया, अहमदाबाद में कौसर बानो की बस्ती पर हमला हुआ था. वह गर्भवती थीं. हत्यारों ने पेट चीरकर गर्भस्थ शिशु को आग के हवाले कर दिया था. इस दर्दनाक वाक़ये पर कवि अंशु मालवीय की कविता.

गुजरात: कथित तौर पर कोविड के ख़ात्मे के लिए दो धार्मिक जुलूस निकाले गए, क़रीब 70 लोग गिरफ़्तार

बीते चार दिनों में गुजरात के दो गांवों में ‘कोविड-19 ख़त्म करने’ के लिए धार्मिक जुलूस निकालने के आरोप में पुलिस ने 69 लोगों को गिरफ़्तार किया है. पुलिस ने कहा कि गांव के लोगों के एक वर्ग का मानना था कि उनके स्थानीय देवता के मंदिर पर पानी डालने से कोविड-19 का ख़ात्मा हो सकता है.

गुजरात: सीएए विरोधी कार्यकर्ता को ‘आपराधिक गतिविधियों’ में पूछताछ के लिए समन

अहमदाबाद में सीएए के ख़िलाफ़ धरना-प्रदर्शन आयोजित करने वाले कलीम सिद्दीक़ी को पुलिस ने नोटिस भेजकर पूछा है कि आपराधिक गतिविधियों में कथित संलिप्तता के कारण उन्हें दो साल के लिए अहमदाबाद सिटी सहित चार नज़दीकी ज़िलों से निर्वासित क्यों नहीं किया जाना चाहिए.

कोरोना संकट से निपटने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भूमिका बेहद ज़रूरी है

आज जब समाज एक वैश्विक महामारी से गुज़र रहा है, तो नगर प्रतिनिधियों की इसमें कोई तय भूमिका नहीं दिखाई दे रही है. औपचारिक रणनीति में भी उनकी ज़िम्मेदारियां स्पष्ट नहीं हैं, नतीजतन शहरी प्रशासन के ढांचे का एक हिस्सा निष्क्रिय जान पड़ता है.

गुजरात: स्कूल ने बच्चों से लिखवाए पीएम के नाम सीएए समर्थन के पोस्टकार्ड, विरोध के बाद मांगी माफ़ी

अहमदाबाद के एक निजी स्कूल द्वारा पांचवी से दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नागरिकता संशोधन क़ानून पर बधाई और समर्थन देने के लिए पोस्टकार्ड लिखने को कहा गया था. अभिभावकों के इसका विरोध करने के बाद स्कूल प्रशासन ने माफ़ी मांगते हुए बच्चों द्वारा लिखे पोस्टकार्ड वापस कर दिए.