भारतीय मज़दूर संघ ने एयर इंडिया बेचने का विरोध किया, सरकार से फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा

केंद्र सरकार ने बीते 27 जनवरी को क़र्ज़ में डूबी एयर इंडिया के 100 फीसदी शेयर बेचने की घोषणा कर दी है. 17 मार्च तक एयर इंडिया खरीदने के इच्छुक पक्षों से आवेदन मंगाए गए हैं. भारतीय मज़दूर संघ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ा संगठन है.

केंद्र ने एयर इंडिया में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की घोषणा की, बोली लगाने के दस्तावेज़ जारी

एयर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश के तहत सरकार कंपनी की सस्ती विमानन सेवा ‘एयर इंडिया एक्सप्रेस’ में भी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी भी बेचेगी. बीते साल केंद्र की मोदी सरकार ने एयर इंडिया की 76 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिए निविदा जारी की थी, लेकिन किसी ने बोली ही नहीं लगाई थी.

हर उड़ान की घोषणा के बाद एयर इंडिया के क्रू को ‘जय हिंद’ कहने का निर्देश

एयर इंडिया के चेयरमैन अश्वनी लोहानी ने मई 2016 में पायलटों को ऐसे ही निर्देश दिए थे. अधिकारियों ने बताया कि देश के रुख को देखते हुए कर्मचारियों के लिए मौजूदा परामर्श जारी किया गया है.

क़र्ज़ में डूबी एयर इंडिया का केंद्र सरकार पर 1,146 करोड़ रुपये बकाया

आर्थिक संकट से जूझ रही सरकारी एयरलाइंस एयर इंडिया पर यह बकाया वीवीआईपी चार्टर उड़ानों का है, जिसमें सर्वाधिक 543.18 करोड़ रुपये प्रधानमंत्री कार्यालय और कैबिनेट सचिवालय का है.

एयर इंडिया में विनिवेश की समयसीमा ख़त्म, किसी ने बोली नहीं लगाई

2017 तक एयर इंडिया पर कुल 48,000 करोड़ रुपये का क़र्ज़ का बोझ था. एयर इंडिया की कर्मचारी यूनियनों ने एयरलाइन के रणनीतिक विनिवेश के लिए कोई बोली नहीं मिलने को अपनी जीत बताया है.