सरकार ने मंत्रालयों और विभागों से एयर इंडिया का बकाया चुकाने को कहा

सभी मंत्रालयों और विभागों को जारी आदेश में सरकार ने अब से केवल नकद में एयर इंडिया का टिकट ख़रीदने का भी निर्देश दिया है. सरकार ने इस महीने की शुरुआत में एयर इंडिया को टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टैलेस प्राइवेट लिमिटेड को 18,000 करोड़ रुपये में बेचने का फैसला किया था.

एयर इंडिया की ख़रीद के लिए लगी बोली को टाटा संस ने जीता

टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस ने 18,000 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी, जिसमें से 15,300 करोड़ रुपये का क़र्ज़ लेना और बाकी 2700 करोड़ रुपये का नकद भुगतान करना शामिल है. एयर इंडिया की स्थापना टाटा समूह ने 1932 में की थी, तब इसे टाटा एयरलाइंस कहा जाता था. साल 1953 में इसका राष्ट्रीयकरण किया गया था.

भारतीय मज़दूर संघ ने एयर इंडिया बेचने का विरोध किया, सरकार से फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा

केंद्र सरकार ने बीते 27 जनवरी को क़र्ज़ में डूबी एयर इंडिया के 100 फीसदी शेयर बेचने की घोषणा कर दी है. 17 मार्च तक एयर इंडिया खरीदने के इच्छुक पक्षों से आवेदन मंगाए गए हैं. भारतीय मज़दूर संघ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ा संगठन है.

केंद्र ने एयर इंडिया में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की घोषणा की, बोली लगाने के दस्तावेज़ जारी

एयर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश के तहत सरकार कंपनी की सस्ती विमानन सेवा ‘एयर इंडिया एक्सप्रेस’ में भी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी भी बेचेगी. बीते साल केंद्र की मोदी सरकार ने एयर इंडिया की 76 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिए निविदा जारी की थी, लेकिन किसी ने बोली ही नहीं लगाई थी.