दिल्ली: वायु प्रदूषण से बिगड़े हालात के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई

बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर की सरकारों से जीआरएपी-4 को सख़्ती से लागू करने को कहा है. साथ ही यह जोड़ा है कि बिना अदालत की अनुमति के इसे नहीं हटाया जाएगा.

सांसों में घुलता ज़हर, पर ज़िम्मेदारी किसकी?

वीडियो: सर्दियों की दस्तक के साथ ही दिल्ली-एनसीआर समेत समूचा उत्तर भारत वायु प्रदूषण की ज़द में आ जाता है. हर साल सरकारें क़दम उठाने की बात कहती हैं लेकिन कुछ ख़ास नहीं बदलता. समाधान क्या है? इस बारे में पर्यावरण पर काम करने वाली स्वतंत्र संस्था 'एनवायरोकैटलिस्ट' के संस्थापक और लीड एनालिस्ट सुनील दहिया और द वायर की हेल्थ रिपोर्टर बनजोत कौर के साथ चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.

वायु प्रदूषण: सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने को लेकर पंजाब और हरियाणा को फटकार लगाई

सुप्रीम कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के निर्देशों को लागू करने में पंजाब और हरियाणा की निष्क्रियता और दिल्ली-एनसीआर के अन्य हिस्सों में वायु प्रदूषण बढ़ाने वाली पराली को जलाने वालों पर केस दर्ज न करने पर कड़ी आपत्ति जताई और दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों को तलब किया है.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 80 प्रतिशत ग्रीन फंड का इस्तेमाल नहीं किया: रिपोर्ट

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को मोटे तौर पर दो मदों- पर्यावरण संरक्षण शुल्क और पर्यावरण मुआवज़े के तौर पर फंड मिलते हैं. निकाय ने दोनों मदों के तहत एकत्र किए गए कुल 777.69 करोड़ रुपये में से केवल 156.33 रुपये यानी केवल 20 प्रतिशत ही ख़र्च किए हैं.

दिल्ली फिर से दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी: रिपोर्ट

स्विट्ज़रलैंड के संगठन ‘आईक्यूएयर’ की विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट 2023 के अनुसार, औसतन वार्षिक 54.4 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की पीएम 2.5 सांद्रता के साथ भारत 2023 में 134 देशों में से तीसरा सबसे ख़राब वायु गुणवत्ता वाला देश रहा. राष्ट्रीय राजधानी को 2018 से लगातार चार बार दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी का दर्जा दिया गया है.

साल 2019 में भारत कैंसर से मौतों के मामले में एशिया में दूसरे स्थान पर, 9.3 लाख जानें गई थीं: अध्ययन

द लैंसेट रीजनल हेल्थ साउथ-ईस्ट एशिया जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन बताता है कि एशिया में कैंसर सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा ख़तरा बन गया है, जहां 2019 में 94 लाख नए मामले और 56 लाख मौतें देखी गईं. इनमें से 12 लाख नए मामले और 9.3 लाख मौतें भारत में दर्ज की गईं. एशिया में सबसे अधिक चीन में 27 लाख मौतें हुई थीं.

इस साल धान कटाई सीज़न में पराली जलाने की घटनाओं में 54.2 प्रतिशत की कमी आई: केंद्र

केंद्र सरकार ने संसद को बताया कि पंजाब, हरियाणा, एनसीआर-उत्तर प्रदेश, एनसीआर-राजस्थान और दिल्ली में 15 सितंबर से 29 अक्टूबर की अवधि के दौरान 2022 की पराली जलाने की 13,964 घटनाओं की संख्या से कम होकर 2023 में 6,391 हो गई. 2021 में इन क्षेत्रों में इस अवधि में कुल मिलाकर पराली जलाने की 11,461 घटनाएं हुई थीं.

दिल्ली के धुएं और घुटन में हिस्सेदारी का सवाल

पर्यावरण क्षरण और जलवायु आपदाओं को ग्लोबल कहने से यह राय बनती है कि वे सभी को समान रूप से प्रभावित करती हैं, पर सच्चाई ये है कि जलवायु आपदाओं का सार्वभौमिक चरित्र है कि वे उसके दोषी पक्ष को अक्सर कम तथा निर्दोष सामान्यजन को अधिक प्रभावित करती हैं.

वायु प्रदूषण: सुप्रीम कोर्ट के जज बोले- किसान का पक्ष जाने बिना उसे खलनायक न बनाएं

दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जारी सुनवाई के दौरान खंडपीठ के दो जज एक-दूसरे से भिन्न मत रखते हुए देखे गए, जहां जस्टिस सुधांशु धूलिया ने किसानों का पक्ष लेते हुए कहा कि उसे भी सुनवाई का मौका दिया जाना चाहिए, वहीं जस्टिस संजय किशन कौल ने किसानों के ख़िलाफ़ सख़्ती बरते जाने की बात कही.

पराली जलाने पर किसानों के ख़िलाफ़ 930 से अधिक एफ़आईआर दर्ज: पंजाब पुलिस

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पंजाब पुलिस ने बीते 8 नवंबर से पराली जलाने पर किसानों के ख़िलाफ़ 932 एफआईआर दर्ज की हैं, जबकि 7,405 मामलों में 1.67 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है. पराली जलाने पर 340 किसानों के राजस्व रिकॉर्ड में रेड एंट्री की गई है. पुलिस ने किसानों से सहयोग करने और पराली न जलाने का आह्वान किया है.

क्या दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के ज़िम्मेदार पंजाब और हरियाणा के किसान हैं?

वीडियो: दिल्ली-एनसीआर में घटती वायु गुणवत्ता और बढ़ते प्रदूषण के बीच अक्सर पड़ोसी राज्यों के किसानों और पराली जलाने को इस समस्या का ज़िम्मेदार ठहराया जाया है, लेकिन क्या यह पूरा सच है? क्या है इसका समाधान? बता रहे हैं इंद्र शेखर सिंह.

‘वारियर मॉम्स’ की वित्त मंत्री से अपील- वंचित तबकों के लिए सस्ती की जाए घरेलू गैस

बच्चों के अधिकार के लिए लड़ने वाली माताओं के एक समूह ‘वारियर मॉम्स’ ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे पत्र में कहा है कि अभी औसतन 1,000 रुपये से ऊपर चल रहे सिलेंडर को ख़रीदने में असमर्थ वंचित परिवार ईंधन के लिए लकड़ी या कंडे जलाने पर निर्भर हैं, जिससे गर्भ में ही बच्चे की मौत होने, अस्थमा, ब्रॉन्काइटिस, शारीरिक विकास में बाधा जैसी समस्याएं आ रही हैं.

उद्योगविहीन उत्तर बिहार के शहर गंभीर वायु प्रदूषण से क्यों जूझ रहे हैं

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की नवंबर के आखिरी दिनों की रिपोर्ट में बिहार के मोतिहारी का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 402 था. यह स्थिति लगभग महीने भर से बनी हुई है. ऐसे शहर में, जहां उद्योग के नाम पर किसी ज़माने में रही चीनी मिल के भग्नावशेष ही दिखते हैं, प्रदूषण का यह स्तर गंभीर सवाल खड़े करता है.

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