मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में पार्टी में शामिल हुए कर्नल (सेवानिवृत्त) अजय कोठियाल ने कहा कि भाजपा में आना ग़लती सुधारने जैसा है. बीते विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का मुख्यमंत्री चेहरा रहे और गंगोत्री सीट से उतरे कोठियाल की ज़मानत ज़ब्त हो गई थी.
उत्तराखंड में कांग्रेस अपनी हार के लिए मतदाताओं या भाजपा को ज़िम्मेदार नहीं ठहरा सकती. यह वक़्त है कि वह गहराई से आत्मविश्लेषण करे कि पांच साल अगर उसने कारगर विपक्षी दल की भूमिका सही ढंग से निभाई होती, तो फिर से इतने बुरे दिन नहीं देखने पड़ते.
राज्य की सत्तर विधानसभा सीटों में से 47 सीटों पर विजय हासिल करने के साथ ही भाजपा ने बहुमत के 36 के आंकड़े को आसानी से पार कर लिया. हालांकि भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के संभावित मुख्यमंत्री चेहरे- पुष्कर सिंह धामी, हरीश रावत और अजय कोठियाल अपनी-अपनी सीट बचा पाने में असफल रहे.
उत्तराखंड के तेरह ज़िलों में असल समस्या सुदूर नौ पहाड़ी ज़िलों की है, लेकिन आम आदमी पार्टी का इन दुर्गम अंचलों से कोई सरोकार नहीं दिखता. वह भी कांग्रेस और भाजपा की राह पर चलते हुए राज्य में सुविधा की राजनीति कर रही है.