जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट ने प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी के पूर्व प्रवक्ता अली मोहम्मद लोन की पीएसए के तहत हिरासत को दुर्भावनापूर्ण और अवैध बताते हुए रद्द कर दिया. अदालत ने कहा कि उन्हें 2019 से मार्च 2024 तक लगातार 1,080 दिनों से ज़्यादा समय के लिए जेल में रखने से उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन हुआ.