आईआईटी से स्नातक करने के बाद जेएनयू से पीएचडी कर रहे शरजील इमाम जनवरी 2020 से जेल में हैं. दिल्ली हाईकोर्ट से राजद्रोह के एक मामले में मिली ज़मानत के बावजूद वे जेल में ही रहेंगे क्योंकि उन पर दिल्ली दंगों से जुड़े मामले में यूएपीए के तहत आरोप लगे हैं.
वीडियो: आगामी लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी सरकार की वापसी की संभावनाओं और इसके मुस्लिम समुदाय पर पड़ सकने वाले प्रभाव को लेकर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के शिक्षकों और विद्यार्थियों के साथ चर्चा कर रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
छात्र कार्यकर्ता शरजील इमाम ने इस आधार पर ज़मानत मांगी है कि वह पिछले चार वर्षों से जेल में हैं और ग़ैरक़ानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम यूएपीए की धारा 13 के तहत अपराध के लिए अधिकतम सज़ा सात साल है. वह अपराध के लिए निर्धारित अधिकतम सज़ा की आधी से अधिक काट चुके हैं और प्रावधान के तहत ज़मानत के हक़दार हैं.
आईआईटी से पढ़कर जेएनयू से पीएचडी कर रहे शरजील इमाम जनवरी 2020 से जेल में हैं. उनके भाई का कहना है कि शरजील को नागरिक समाज समूहों और प्रमुख राजनीतिक एक्टिविस्ट से सहयोग नहीं मिला है.
पिछले दो महीनों में उत्तर प्रदेश पुलिस की एटीएस ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के पूर्व और वर्तमान छात्रों को मिलाकर 9 युवकों को गिरफ़्तार किया है. उन पर सरकार के ख़िलाफ़ अपराध करने की साज़िश रचने, सरकार के ख़िलाफ़ युद्ध छेड़ने के इरादे से हथियार इकट्ठा करने, आतंकवादी कृत्य की साज़िश रचने आदि से संबंधित आरोप हैं.
उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद-रोधी दस्ते (एटीएस) ने कुछ दिन पहले आतंकी संगठन आईएसआईएस से कथित तौर पर जुड़े तीन लोगों को गिरफ़्तार करने के बाद यह गिरफ्तारी की है. एटीएस ने बताया कि गिरफ़्तार आरोपियों के पास से प्रतिबंधित आईएसआईएस साहित्य, मोबाइल फोन और पेन ड्राइव ज़ब्त किए गए हैं.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस को इज़रायल-हमास संघर्ष पर भारत सरकार के रुख़ का विरोध करने और फिलिस्तीन का समर्थन करने वाली सोशल मीडिया पोस्ट के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कुछ छात्रों द्वारा बीते 8 अक्टूबर की रात को फिलीस्तीनियों के समर्थन में एक मार्च निकाला गया था. पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने अपने मार्च के लिए कोई पूर्व अनुमति नहीं ली थी. एफआईआर में कहा गया है कि छात्रों ने एक ‘आतंकवादी समूह’ के ‘समर्थन’ में मार्च किया था.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने वैश्विक आतंकवादी समूह आईएसआईएस का सदस्य होने के आरोप में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के एक 19 वर्षीय छात्र को गिरफ़्तार किया है. छात्र झारखंड के लोहरदगा ज़िले का रहने वाला है.
राज्यसभा में भाजपा सांसद हरिनाथ सिंह यादव ने पूछा था कि क्या अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, जामिया मिलिया इस्लामिया या देश के किसी अन्य शैक्षणिक संस्थान में पाकिस्तानी लेखक की किताब पढ़ाई जा रही है और क्या इसके लिए ज़िम्मेदार व्यक्तियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई पर विचार करना चाहिए.
जामिया नगर इलाके में दिसंबर 2019 में हुई हिंसा के संबंध में दर्ज मामले में छात्र कार्यकर्ता शरजील इमाम, सफूरा जरगर और आसिफ इकबाल तनहा सहित 11 लोगों को बरी करते हुए दिल्ली की अदालत ने कहा कि चूंकि पुलिस वास्तविक अपराधियों को पकड़ पाने में असमर्थ रही इसलिए उसने इन आरोपियों को बलि का बकरा बना दिया.
गुरुवार शाम को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से संबंधित वीडियो वायरल हुए थे, जिनमें दो अलग-अलग समूहों में शामिल युवा कथित तौर पर ‘भारत माता की जय’ और ‘अल्लाहू अकबर’ के नारे लगाते दिख रहे हैं. यह घटना गणतंत्र दिवस समारोह के फौरन बाद की बताई जा रही है.
आरोप है कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) जिन छात्रों ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया था, उनके पास कथित तौर पर 6 दिसंबर को ‘काला दिन’ बताने वाले पोस्टर थे. घटना के एक दिन बाद हिंदुत्ववादी संगठनों ने धमकी दी थी कि अगर आरोपी छात्रों के ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं की गई तो वे विरोध प्रदर्शन करेंगे.
दिल्ली की एक अदालत ने जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम को राजद्रोह के उस मामले में ज़मानत दी है, जिसमें उन पर 2019 में जामिया मिलिया इस्लामिया में दिए भाषण के ज़रिये दंगे भड़काने का आरोप लगाया गया था. हालांकि, दिल्ली दंगों से जुड़े मामलों के चलते उन्हें अभी जेल में ही रहना होगा.
कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी नेता यति नरसिंहानंद ने अलीगढ़ में आयोजित एक कार्यक्रम में एक धर्म विशेष के ख़िलाफ़ भड़काऊ टिप्पणी कीं, जिसके बाद उनके साथ-साथ अखिल भारतीय हिंदू महासभा की राष्ट्रीय महासचिव पूजा शकुन पांडे और उनके पति के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है.