असम में विपक्षी दलों ने भी केंद्र सरकार की उस घोषणा का विरोध किया है, जिसमें कहा गया था कि पूर्वोत्तर के आठों राज्य 10वीं कक्षा तक हिंदी को अनिवार्य विषय बनाने पर सहमत हो गए हैं. उन्होंने इस क़दम को ‘सांस्कृतिक साम्राज्यवाद की ओर बढ़ाया गया क़दम’ क़रार दिया.
जोरहाट में 29 नवंबर को ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन के एक नेता पर राह चलते हुए विवाद के बाद कथित तौर पर भीड़ ने हमला किया था, जिसके बाद उनकी मौत हो गई. पुलिस ने मुख्य आरोपी नीरज दास सहित 12 लोगों को हिरासत में लिया था. पुलिस का कहना है कि हिरासत से भागने के प्रयास में दास एक अन्य पुलिस वाहन की चपेट में आ गए और उनकी मौत हो गई.
घटना जोरहाट की है, जहां 29 नवंबर को ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन के नेता पर राह चलते हुए एक विवाद के बाद कथित तौर पर भीड़ ने हमला किया, जिसके बाद उनकी मौत हो गई. इस दौरान उनके साथ वाहन पर यात्रा कर रहे दो अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे.
असम में कई संगठनों के नेताओं ने कहा कि सीएए के ख़िलाफ़ आंदोलन ने कोविड-19 महामारी के कारण अपना ‘सामूहिक स्वरूप’ खो दिया, लेकिन कृषि क़ानूनों को निरस्त करने के निर्णय ने उनके आंदोलन को प्रेरणा दी है. पूर्वोत्तर में कई संगठन इस आशंका से सीएए का विरोध करते हैं कि इससे क्षेत्र की जनसांख्यिकी में परिवर्तन होगा.
असम जातीय परिषद के महासचिव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने निहित स्वार्थ को पूरा करने के लिए असम आते हैं, लेकिन अब यह सही समय है कि वह राज्य के लोगों को इस बात का जवाब दें कि असम समझौते के खंड छह को अभी भी लागू क्यों नहीं किया गया है.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय द्वारा संशोधित नागरिकता कानून पर सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर करने पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि सीएए भारत का आंतरिक मामला है और यह कानून बनाने वाली भारतीय संसद के संप्रभुता के अधिकार से संबंधित है.
कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए पांच जजों की बेंच गठित करने का संकेत दिया है. याचिकाकर्ताओं ने मांग की कि इस क़ानून को लागू करने की प्रक्रिया को टाल दिया जाए, लेकिन कोर्ट ने इस संबंध में कोई आदेश पारित नहीं किया.
नागरिकता संशोधन कानून को संवैधानिक घोषित करने की मांग वाली एक याचिका पर सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने कहा, 'देश कठिन दौर से गुजर रहा है. हमारी कोशिश शांति बहाल करने की होनी चाहिए.'
गायक और सामाजिक कार्यकर्ता ज़ुबिन गर्ग ने कहा कि असम का यह सामाजिक-सांस्कृतिक सौहार्द कुछ ऐसा है, जिसे भाजपा पसंद नहीं करती, इसलिए नागरिकता संशोधन क़ानून के ज़रिये वे राज्य को हिंदू-मुस्लिम और असमिया-बंगाली के बीच बांटना चाहते हैं.
ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन के प्रमुख सलाहकार समज्जुल भट्टाचार्य ने विवादित नागरिकता कानून के खिलाफ महिला रैली को संबोधित करते हुए दावा किया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल असम के लोगों को विशिष्ट फार्मूले से मूल लोगों को बचाने और साथ ही बांग्लादेशियों को सीएए के जरिए बसाने की नीति से धोखा दे रहे हैं.
गुवाहाटी हाईकोर्ट ने गुरुवार शाम से मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल करने का आदेश दिया था उसके बाद शुक्रवार सुबह से वहां इंटरनेट सेवाओं को बहाल कर दिया गया. वहीं, शुक्रवार शाम से मेघालय में भी इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई.
नए नागरिकता कानून के खिलाफ लखनऊ में गुरुवार को हिंसा भड़क उठी थी जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई तथा 16 पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल हो गए थे.
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में असम के विभिन्न ज़िलों में हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद वहां मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं. प्रदर्शनों के दौरान पांच लोगों की मौत हो गई थी.
विदेशी विश्वविद्यालयों के छात्रों ने भारत सरकार को लिखे एक पत्र में कहा, ये घटना किसी भी लोकतांत्रिक समाज की अंतरात्मा को झकझोर देता है.
मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस बीआर गवई और सूर्य कांत की पीठ ने केंद्र से कहा कि वे इस संबंध में दायर सभी याचिकाओं पर जनवरी के दूसरे हफ्ते तक जवाब दायर करें.