‘अगर एक आशा कार्यकर्ता 4,000 रुपये में गुज़ारा कर सकती है, तो हमारे प्रधानमंत्री क्यों नहीं’

अखिल भारतीय लोकतांत्रिक महिला संघ (एआईडीडब्ल्यूए) द्वारा दिल्ली के जंतर-मंतर पर आयोजित एक प्रदर्शन में 26 राज्यों से आईं महिलाओं ने आशा कार्यकर्ताओं के कम वेतन, बढ़ती महंगाई, मणिपुर में महिलाओं के ख़िलाफ़ बर्बर हिंसा, पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों में वृद्धि का मुद्दा उठाते हुए केंद्र की मोदी सरकार की तीखी आलोचना की.

यूसीसी मौजूदा मुस्लिम क़ानून, छठी अनुसूची के क़ानूनों को ख़त्म करने का प्रयास है: महिला संगठन

ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक विमेन एसोसिएशन ने भारत के विधि आयोग को सौंपे गए अपने एक पत्र में कहा है कि समान नागरिक संहिता का प्रयास बड़े पैमाने पर एक समान क़ानून लाने का होगा, जो बहुसंख्यकवादी क़ानून होंगे, न कि ऐसे क़ानून जो महिलाओं को वास्तव में समान अधिकार देते हों.

तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ़्तारी को लेकर गुजरात पुलिस और सुप्रीम कोर्ट की आलोचना

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए गुजरात पुलिस ने शनिवार 25 जून को मानवाधिकार कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को गिरफ़्तार कर लिया था. सीतलवाड़ ने 2002 के गुजरात दंगों के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका की जांच की मांग की थी. उनकी गिरफ़्तारी पर विभिन्न संगठनों ने कहा है कि यह कार्रवाई उन लोगों के ख़िलाफ़ सीधा प्रतिशोध है, जो मानवाधिकारों के लिए सवाल उठाने की हिम्मत करते हैं.