'इंडिया' गठबंधन ने झारखंड की 81 सीटों की विधानसभा में कुल 56 सीटें जीती हैं. यह परिणाम महज़ एक पार्टी की हार और दूसरी की जीत तक सीमित नहीं है. यह जनादेश देश में बढ़ती तानाशाही, हिंदुत्व की राजनीति और जन अधिकारों को कमज़ोर करने वाले कॉरपोरेट नीतियों के विरुद्ध एक संदेश है.
झारखंड से पहले भी कई राजनीतिक दलों ने कई राज्यों के विधानसभा चुनावों से पहले महिलाओं को के लिए नौकरियों को लेकर तमाम वादे किए हैं. वे दावे कितने पूरे हुए? एक नज़र...
एनडीए के पुराने सहयोगियों में से एक ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन के एकमात्र सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने नए मंत्रिमंडल में जगह न दिए जाने पर निराशा ज़ाहिर करते हुए कहा कि इसका असर इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में देखने को मिल सकता है. चौधरी गिरिडीह लोकसभा सीट से दूसरी बार जीते हैं.
चुनाव आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक, राज्य की 14 सीटों में से भाजपा 11, आजसू एक, कांग्रेस एक और झारखंड मुक्ति मोर्चा एक सीट जीती है.
15 राज्यों में लोकसभा की 27 सीटों पर उपचुनाव हुए हैं. इन 27 में से 16 सीटों पर राजग का क़ब्ज़ा था लेकिन उपचुनावों के बाद इसमें से 9 सीटों पर भाजपा और उनके सहयोगी दलों को हार मिली है, जबकि सात सीट बचाए रखने में वो कामयाब रहे हैं.
चार लोकसभा और 11 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे भाजपा के लिए सुखद नहीं रहे. विपक्ष ने 11 सीटें जीती, भाजपा और उसके सहयोगी तीन सीटों तक ही सीमित.