मध्य प्रदेश के दमोह में गंगा जमुना हायर सेकेंडरी स्कूल ग़ैर-मुस्लिम छात्राओं को ‘हिजाब’ पहनाने के आरोप में जांच का सामना कर रहा है. अब यह स्कूल कथित तौर पर ग़ैर-मुस्लिम छात्रों को शायर अल्लामा इक़बाल की लिखी कविताएं गाने के लिए मजबूर करने को लेकर विवाद में है.
दिल्ली विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद ने पाकिस्तान के राष्ट्रीय कवि मुहम्मद इक़बाल यानी अल्लामा इक़बाल पर एक अध्याय को बीए राजनीति विज्ञान के पाठ्यक्रम से हटाने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया है. आरएसएस से जुड़े एबीवीपी ने इस क़दम का स्वागत किया है.
जन्मदिन विशेष: अपनी शायरी में इक़बाल की सबसे बड़ी ताकत यह है कि वे बेलौस होकर पढ़ने या सुनने वालों के सामने आते हैं. बिना परदेदारी के और अपनी सीमाओं को स्वीकार करते हुए...
मुल्क की सियासत अब ज़्यादा शिद्दत से पहचान की राजनीति के गिर्द नाच रही है. राम को इमाम-ए-हिंद कहने वाले इक़बाल की दुआ को मदरसे की दुआ कहकर सीमित किया जा रहा है, लेकिन देश के बच्चे शायद इक़बाल की दुआ के सबक़ के माने समझ रहे हैं.
विश्व हिंदू परिषद ने पीलीभीत के एक प्राथमिक विद्यालय के हेडमास्टर पर राष्ट्रगान की जगह इक़बाल की प्रार्थना गवाने का आरोप लगाया. उनसे शिकायत नहीं पर जिलाधीश से है. उन्होंने जिस प्रार्थना के लिए हेडमास्टर को दंडित किया, क्या उसके बारे में उन्हें कुछ मालूम नहीं? क्या अब हम ऐसे प्रशासकों की मेहरबानी पर हैं जो विश्व हिंदू परिषद का हुक्म बजाने के अलावा अपने दिल और दिमाग का इस्तेमाल भूल चुके हैं?
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत ज़िले के एक प्राइमरी स्कूल का मामला. हेडमास्टर ने कुछ लोगों पर मामले को सांप्रदायिक रंग देने का आरोप लगाते हुए अपने निलंबन को अन्यायपूर्ण बताया है. उनके अनुसार, उन्होंने अल्लामा इकबाल की उस कविता का पाठ कराया है जो सरकारी स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल है.