ये विवादास्पद ग़ैर न्यायिक हत्याएं 1998 और 2001 के बीच असम में तब हुई थीं, जब प्रफुल्ल कुमार महंत राज्य के मुख्यमंत्री थे और गृह विभाग भी संभाल रहे थे. इन हत्याओं को गुप्त हत्या के नाम से जाना जाता है. इनमें प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन उल्फा से जुड़े लोगों के रिश्तेदारों सहित क़रीबी सहयोगियों को गोली मार दी जाती थी.