दाभोलकर केस: अदालत ने जांच में लापरवाही बरतने के लिए महाराष्ट्र पुलिस, सीबीआई को फटकार लगाई

तर्कवादी और सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर की गोली मारकर हत्या करने के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने दो लोगों को उम्रक़ैद की सजा सुनाई है. वहीं, तीन अन्य आरोपियों को बरी करते हुए इसका ज़िम्मेदार जांच एजेंसियों को ठहराया है.

नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड: 11 साल बाद सनातन संस्था के दो लोगों को उम्रक़ैद, तीन बरी

पेशे से डॉक्टर नरेंद्र दाभोलकर महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक थे और अपनी संस्था के माध्यम से वह अंधविश्वास के खिलाफ अभियान चलाते थे. 20 अगस्त, 2013 को पुणे में दो बाइक सवार हमलावरों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी.

सीबीआई ने अदालत को बताया- नरेंद्र दाभोलकर की हत्या मामले में जांच पूरी

महाराष्ट्र के अंधविश्वास विरोधी कार्यकर्ता डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की बेटी की ओर से कहा गया कि सीबीआई ने समुचित ढंग से मामले की जांच नहीं की और अब भी कई ख़ामियां हैं, जिनकी जांच किया जाना बाकी है. दाभोलकर की 20 अगस्त, 2013 को पुणे के ओंकारेश्वर पुल पर उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब वे सुबह की सैर के लिए निकले थे.