छत्तीसगढ़ सरकार ने चुनावों से पहले 2,500 रुपये मासिक बेरोज़गारी भत्ता देने का ऐलान किया

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने चार साल पहले 2018 के विधानसभा चुनावों में बेरोज़गारी भत्ता देने का वादा किया था. राज्य में अगला विधानसभा चुनाव इसी साल नवंबर में होना है.

ओडिशा: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अनिश्चितकालीन धरने पर, 60,000 केंद्र बंद

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मांग है कि उन्हें सरकारी कर्मचारी का दर्जा और 18 हज़ार रुपये और सहायिकाओं को 9 हज़ार रुपये मासिक मानदेय दिया जाए. इन मांगों में सेवानिवृत्ति के बाद 5,000 रुपये मासिक पेंशन और सेवा अवधि के दौरान मृत्यु होने पर परिजनों को पांच लाख रुपये मुआवज़ा देना भी शामिल है.

उत्तराखंड: मंत्री ने विभाग के सभी कर्मचारियों को शिव मंदिरों में जलाभिषेक करने का आदेश दिया

उत्तराखंड की महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने एक अधिकारिक आदेश जारी करते हुए अपने विभाग के सभी अधिकारियों, कर्मचारियों, आंगनबाड़ी-मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को निर्देश दिया है कि वे सभी 26 जुलाई को अपने-अपने घरों के पास स्थित शिव मंदिरों में ‘जलाभिषेक’ करें और फोटो ईमेल व वॉट्सऐप ग्रुप में डालें.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायक क़ानून के तहत ग्रेच्युटी के हक़दार: सुप्रीम कोर्ट

शीर्ष अदालत ने गुजरात से संबंधित मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा क़ानून के तहत बच्चों, गर्भवती महिलाओं के साथ-साथ स्तनपान कराने वाली माताओं से संबंधित बहुत महत्वपूर्ण और नवीन प्रावधानों को लागू करने का व्यापक काम उन्हें सौंपा गया है. इस प्रकार इस तर्क को स्वीकार करना असंभव है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायकों को सौंपी गई नौकरी अंशकालिक नौकरी है.

हरियाणा: कम वेतन और दयनीय कामकाजी स्थितियों के बीच काम करने को मजबूर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता

आठ दिसंबर 2021 से ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस और सेंटर फॉर इंडियन ट्रेड यूनियन से जुड़ी हुईं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और आंगनबाड़ी सहायकों ने ​विभिन्न मांगों को लेकर बीते सात अप्रैल यानी चार महीनों तक विरोध प्रदर्शन किया था. मांगें मान ली जाने के बाद आंदोलन वापस हो गया है. हालांकि कार्यकर्ताओं ने मांगें पूरी न होने पर इन्होंने दोबारा प्रदर्शन को लेकर चेतावनी भी दी है.

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव: आंगनबाड़ी की महिलाओं की उम्मीदों पर योगी ने पानी फेर दिया

वीडियो: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में पुलिस के बर्बर लाठीचार्ज का शिकार आंगनबाड़ी की महिलाएं हाल ही में मथुरा में हुई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रैली में पहुंची थीं. उन्होंने बताया कि उन्हें नौकरी से निकाले जाने की धमकी देकर यहां लाया गया है. द वायर से बातचीत में उन्होंने बताया कि उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान ड्यूटी की मगर सरकार ने उनकी मांगों को एक बार भी नहीं सुना है.

महामारी के दौरान आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ हिंसा की शिकायत की कोई सूचना नहीं: सरकार

महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने लोकसभा में कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना राज्य प्रशासन का कर्तव्य है. एक अन्य प्रश्न के जवाब में उन्होंने बताया कि देश में बाल विकास परियोजना अधिकारी के 2,191 पद और आंगनवाड़ी महिला निरीक्षक के 16,970 पद रिक्त हैं.

कोविड-19 टीकाकरण अभियान शुरू होने के बाद अब तक 34 लोगों की मौत: सरकारी आंकड़ा

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शुक्रवार शाम को कोविड-19 टीकाकरण पर जारी बुलेटिन के अनुसार, बीते 24 घंटे में टीकाकरण के बाद दो लोगों की मौत हुई है. हालांकि सरकार की ओर यह भी कहा गया है कि अब तक किसी भी मौत के लिए सीधे तौर पर कोविड-19 टीका ज़िम्मेदार नहीं है.

मणिपुर: अस्थमा से उबरने के बाद भी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को लगाया गया कोविशील्ड टीका, मौत

48 वर्षीय आंगनवाड़ी कार्यकर्ता नवरेम सुंदरी के परिजनों ने दावा किया कि टीका लगवाने से पहले सुंदरी ने ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर को सूचित किया था कि वह एक साल पहले अस्थमा की बीमारी से उबरी थीं और उन्हें एलर्जी का सामना करना पड़ रहा है.

झारखंड: पहली कैबिनेट बैठक में हेमंत सरकार ने वापस लिए पत्थलगड़ी राजद्रोह मामले

पत्थलगड़ी आंदोलन की शुरुआत होने के बाद कई ग्रामीणों ने आरोप लगाया था कि उन्हें 'पुलिस क्रूरता' का सामना करना पड़ा. 172 लोगों के खिलाफ अन्य मामलों के साथ राजद्रोह के कुल 19 मामले दर्ज किए गए थे. सभी मामलों को वापस लेने का फैसला किया गया है.

तीन बच्चे होने के कारण नौकरी से निकाली गई आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंची

नियम के मुताबिक महाराष्ट्र सरकार विभिन्न विभागों में पदस्त कर्मचारियों के दो से ज़्यादा बच्चे नहीं होने चाहिए. महिला की दलील है कि यह प्रस्ताव 2014 में आया था और उस समय वो आठ महीने की गर्भवती थीं.

मीडिया बोल, एपिसोड 66: सवर्ण भारत बंद, किसान-मज़दूर रैली और समलैंगिक आज़ादी का उल्लास

मीडिया बोल की 66वीं कड़ी में उर्मिलेश एससी-एसटी एक्ट को लेकर सवर्णों द्वारा किए गए भारत बंद, दिल्ली में किसान और मज़दूर संगठनों की रैली और समलैंगिक संबंधों को अपराध के दायरे से बाहर लाने पर वरिष्ठ पत्रकार शैलेष और दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रतन लाल से चर्चा कर रहे हैं.

‘सरकार भाषण में तो किसान का नाम लेती है लेकिन ज़मीन पर हिंदू-मुसलमान करती है’

देशभर से आए हज़ारों की संख्या में किसानों और मज़दूरों ने दिल्ली के संसद मार्ग पर केंद्र की मोदी सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया और अपनी मांगों को रखा.

झारखंड में क्यों सड़कों पर ठोकरें खा रहे लाखों मानदेयकर्मी?

झारखंड में शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला बाल कल्याण जैसे महत्वपूर्ण विभागों में बड़ी तादाद में तैनात मानदेयकर्मियों को एक दिहाड़ी मज़दूर से भी कम वेतन मिलता है. लिहाज़ा प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है.