विकीपीडिया के पेज पर एएनआई के बारे में लिखा है कि एजेंसी की 'मौजूदा केंद्र सरकार के लिए प्रोपगैंडा माध्यम के रूप में काम करने, फ़र्ज़ी न्यूज़ वेबसाइट के विशाल नेटवर्क के कंटेंट को फैलाने और घटनाओं की ग़लत रिपोर्टिंग करने के लिए आलोचना होती रही है.'
द वायर की पड़ताल में सामने आया है कि राजस्थान सरकार के कार्यक्रमों की लाइव स्ट्रीमिंग का ठेका पाने वाली एएनआई के अलावा जिन दो कंपनियों ने इसके लिए बोली लगाई थी, उन दोनों के निदेशक भी वही लोग हैं जो एएनआई मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक हैं.