इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि संविधान द्वारा दिया गया अधिकार यह सुनिश्चित करता है कि प्रत्येक व्यक्ति को अपनी धार्मिक मान्यताओं को चुनने, पालन करने की स्वतंत्रता है. हालांकि, इस अधिकार को दूसरों को अपने धर्म में परिवर्तित करने के हक़ के रूप में नहीं देखा जा सकता.
छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ‘छत्तीसगढ़ ग़ैरक़ानूनी धर्मांतरण रोकथाम विधेयक’ विधानसभा में पेश करने वाली है, जिसमें अवैध धर्मांतरण की स्थिति में अधिकतम 10 साल की सज़ा का प्रावधान है. मसौदे में कहा गया है कि ‘एक धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तन अनुचित प्रभाव, जोर-जबरदस्ती, प्रलोभन या विवाह या किसी कपटपूर्ण तरीके से से नहीं कराया जा सकता है.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.