सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एफआईआर में राकेश अस्थाना का नाम नहीं है और प्रशांत भूषण द्वारा मीडिया में दी गई जानकारी तथ्यात्मक तौर पर ग़लत हैं.
हिंदी थोपने की कोशिशों को ख़ारिज करना उत्तर की सांस्कृतिक प्रभुता को ख़ारिज करना भी है और अंग्रेज़ी के सहारे आर्थिक गतिशीलता की ख़्वाहिश का इज़हार भी है.