सरकार चाहती है देश का युवा समझे कि प्रतिरोध करना राष्ट्रद्रोह और ग़ैर-लोकतांत्रिक है

हमारी राष्ट्रीय राजनीति और भाजपा कांग्रेस विरोधी आंदोलन यानी प्रतिरोध का ही नतीजा हैं, लेकिन इसके बारे में कोई बात नहीं करता. ख़ुद भाजपा भी नहीं. वे चाहते हैं कि हम इमरजेंसी के बारे में जानें लेकिन उतना, जितने से उन्हें नुकसान न पहुंचे.

ये चुप्पी मीडिया नहीं, ‘पपी मीडिया’ है, जो सरकार के फेंके गए टुकड़ों पर पल रहा है

हिंदू-मुसलमान का एक्शन, ‘हिंदू खतरे में है’ का नाच, जेएनयू पर डायलॉग, संसद का सास-बहू, लव जिहाद का धोखा... पूरा देश समाचारों में एकता कपूर के सीरियल देख रहा है, वहीं भुखमरी, किसान आत्महत्या, बलात्कार, बेरोज़गारी, निर्माण और उत्पादकता का विनाश, महिला और दलित उत्पीड़न के बारे में नज़र आती है तो केवल... चुप्पी.

विश्वविद्यालयों में किसी को भी ‘राष्ट्र विरोधी’ बताकर चुप नहीं कराया जाना चाहिए: रघुराम राजन

आरबीआई के पूर्व गवर्नर ने कहा कि समाज के तौर पर ऐसे सुरक्षित स्थानों का निर्माण करना होगा, जहां बहस और चर्चाएं होती हैं, लोग अपनी स्वतंत्रता का प्रयोग कर रहे हों, बोलने के लिए किसी लाइसेंस की ज़रूरत न हो.

सांप्रदायिकता फैलाने के आरोप में ज़ी हिंदुस्तान के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज

अररिया उपचुनाव के बाद वायरल हुए कथित ‘देश विरोधी’ वीडियो की प्रमाणिकता की पुष्टि के बिना उस पर सांप्रदायिकता भड़काने वाला कार्यक्रम करने के आरोप में एक पूर्व नौकरशाह ने ज़ी समूह के एक चैनल के ख़िलाफ़ न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड अथॉरिटी में शिकायत दर्ज करवाई है.

आए दिन देशभक्ति को नए सिरे से परिभाषित क्यों किया जा रहा है?

सरकार के हर फ़ैसले और बयान को देशभक्ति का पैमाना मत बनाइए. सरकारें आएंगी, जाएंगी. देश का इक़बाल खिचड़ी जैसे फ़ैसलों का मोहताज नहीं.

क्या संघ ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के ख़िलाफ़ था?

भारत छोड़ो आंदोलन के बाद ब्रिटिश सरकार ने खुशी व्यक्त करते हुए लिखा कि संघ ने पूरी ईमानदारी से ख़ुद को क़ानून के दायरे में रखा, ख़ासतौर पर अगस्त, 1942 में भड़की अशांति में वो शामिल नहीं हुआ.