यूपी सरकार ने 1984 के सिख-विरोधी दंगों के दौरान कानपुर में 127 लोगों की मौत की फिर से जांच के लिए मई 2019 में एसआईटी का गठन किया था, जो कुल 11 मामलों की जांच कर रही है. इसे लेकर अब तक 11 लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है. पुलिस ने बताया कि एसआईटी ने पूर्व में 96 मुख्य संदिग्धों को चिह्नित किया था, उनमें से 22 की मौत हो चुकी है.
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को मिले ‘भारत रत्न’ वापस लेने की मांग वाला एक प्रस्ताव कथित तौर पर दिल्ली विधानसभा में पारित होने के बाद आम आदमी पार्टी में विवाद शुरू हो गया है.
2002 की बात को कमज़ोर करने के लिए 1984 की बात का ज़िक्र होता है, अब 1984 की बात चली है तो अदालत ने 2013 तक के मुज़फ़्फ़रनगर के दंगों तक का ज़िक्र कर दिया है.
अकाली दल ने कमलनाथ को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने की मांग की. अकाली दल ने कहा है कि अगर कांग्रेस ने उन्हें मुख्यमंत्री पद से नहीं हटाया तो उसे सिख समाज का गुस्सा झेलना पड़ेगा.
दिल्ली की एक अदालत ने दो लोगों की हत्या के मामले के दूसरे दोषी नरेश सहरावत को उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई. इस मामले में पहली बार किसी को मौत की सज़ा सुनाई गई है.
निचली अदालत ने 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को बरी कर दिया था. इस फैसले के खिलाफ सीबीआई और पीड़ित परिवारों ने उच्च न्यायालय में अपील दायर की, जिस पर इस समय सुनवाई चल रही है.
दिल्ली बार काउंसिल ने आप विधायक और सुप्रीम कोर्ट के वक़ील फुलका के लाभ के पद पर होने की बात कहते हुए उन्हें कांग्रेस नेता सज्जन कुमार और अन्य के ख़िलाफ़ कई मामलों में पीड़ितों की ओर से अदालत में पेश होने की इजाज़त नहीं दी थी.