बीते रविवार को पाकिस्तान से पश्चिमोत्तर ख़ैबर पख़्तूनख़्वा प्रांत के पेशावर में दो सिख व्यापारियों की उस समय अज्ञात हमलावरों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी, जब वे अपनी दुकान पर बैठे हुए थे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को लगातार निशाना बनाए जाने पर पाकिस्तान के समक्ष अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया है.
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने बीते 16 मार्च रूस को आदेश दिया था कि वह यूक्रेन के ख़िलाफ़ युद्ध रोके. अदालत के आदेश का 13 न्यायाधीशों ने समर्थन किया था, जबकि दो ने इसके ख़िलाफ़ मतदान किया था. भारत से न्यायाधीश दलवीर भंडारी ने रूस के ख़िलाफ़ मतदान किया था.
पेगासस स्पायवेयर पर ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की एक हालिया रिपोर्ट पर सवालों के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि जिस कथित मामले का संदर्भ दिया गया है, उसकी जांच सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एक समिति द्वारा की जा रही है. बागची ने कहा कि 2017 में प्रधानमंत्री की इज़रायल यात्रा के संबंध में कई समझौता-पत्रों पर हस्ताक्षर किए गए, जिसका विवरण सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है.
भारत सरकार ने घोषणा की कि बीजिंग में भारतीय दूतावास का कोई भी राजनयिक 2022 शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन और समापन समारोह में हिस्सा नहीं लेगा, क्योंकि चीन ने गलवान घाटी में हुई झड़प में शामिल एक सैन्य कमांडर को इन खेलों का मशालवाहक बनाया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने चीन के इस क़दम को ‘खेदजनक’ क़रार दिया है.
कजाकिस्तान में दो जनवरी को एक प्रकार के वाहन ईंधन की क़ीमतों के लगभग दोगुने होने पर प्रदर्शन शुरू हुए थे, जो तेज़ी से पूरे देश में फैल गए. इन प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा में 2,200 से ज़्यादा लोग घायल हुए हैं. देश की ख़ुफ़िया और आतंकवाद-निरोधक एजेंसी ने सोमवार को कहा कि अब स्थिति ‘स्थिर और नियंत्रण में है.’
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय ने एनआईए द्वारा कश्मीर के मानवाधिकार कार्यकर्ता ख़ुर्रम परवेज़ की यूएपीए के तहत गिरफ़्तारी पर चिंता जताई थी, जिसके बाद विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसे मानवाधिकारों पर आतंकवाद के नकारात्मक प्रभाव की बेहतर समझ विकसित करनी चाहिए.
20 सालों के संघर्ष के बाद अमेरिकी नेतृत्व वाले विदेशी सैन्यबलों के वापस लौटने और अफ़ग़ान सरकार के गिरने के तीन सप्ताह बाद तालिबान ने नई सरकार की घोषणा की है. अफ़ग़ानिस्तान की कार्यवाहक सरकार के मंत्रिमंडल की घोषणा करते हुए तालिबान ने मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को प्रधानमंत्री नियुक्त किया है.
दोहा में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा कि एक मुसलमान के रूप में हमारा अधिकार है कि अगर कश्मीर में, भारत में या किसी अन्य देश में मुसलमानों के ख़िलाफ़ अत्याचार किया जाता है तो हम कहेंगे कि उन्हें अधिकार देना चाहिए. हमने पहले भी कहा है और भविष्य में भी ऐसा ही कहेंगे, लेकिन हम कोई सैन्य अभियान नहीं चलाएंगे या किसी देश के ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं करेंगे. यह हमारी नीति नहीं है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि भारत का पूरा ध्यान अफ़ग़ानिस्तान में फ़ंसे अपने नागरिकों को वापस लाने पर है. काबुल में किसी इकाई के सरकार बनाने को लेकर अभी कोई स्पष्टता नहीं है या स्पष्टता की कमी है और अभी कुछ कहना जल्दबाज़ी होगी.