‘जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों के ख़िलाफ़ अधिकार’ जीवन व समानता के अधिकारों का हिस्सा: कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने एक पक्षी के निवास स्थान को खोने से बचाए जाने की याचिका सुनते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन की अनिश्चितताओं से अप्रभावित स्वच्छ पर्यावरण के बिना जीवन का अधिकार पूरी तरह से साकार नहीं होता है.

रोहिंग्याओं के ख़िलाफ़ ऑनलाइन नफ़रत की अनदेखी पर फेसबुक के ख़िलाफ़ कोर्ट पहुंचे शरणार्थी

जातीय हिंसा के कारण म्यांमार से भागने को मजबूर हुए रोहिंग्या शरणार्थियों द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि फेसबुक अपने प्लेटफॉर्म पर उनके ख़िलाफ़ हेट स्पीच पर कार्रवाई करने में विफल रहा है, जिससे उनके साथ हिंसा होने का ख़तरा मंडराता रहता है.

कोटा में छात्र आत्महत्याओं के लिए कोचिंग संस्थानों को निशाना नहीं बना सकते: सुप्रीम कोर्ट

राजस्थान के कोटा शहर में छात्रों के बीच बढ़ती आत्महत्याओं के लिए कोचिंग संस्थानों को जवाबदेह ठहराने की मांग करने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि कोचिंग संस्थानों के कारण आत्महत्याएं नहीं हो रही हैं. आत्महत्याएं होती हैं, क्योंकि माता-पिता बच्चों से अधिक अपेक्षाएं रखते हैं, जिन्हें वह पूरा नहीं कर पाते.

सरकार संचालित मानसिक स्वास्थ्य संस्थानों की हालत अमानवीय और चिंताजनक: मानवाधिकार आयोग

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने देश के 46 मानसिक स्वास्थ्य संस्थानों में मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम के अमल को जांचने के लिए दौरा किया था. इसमें सामने आया कि इन संस्थानों में मरीज़ों को ठीक होने के बाद भी रखा जा रहा था और उनके परिवारों से मिलाने या फिर समाज से जोड़ने का कोई प्रयास नहीं किया गया.

नागरिकों को विरोध करने की अनुमति देने संबंधी पुलिस नियम जानने का अधिकार: गुजरात हाईकोर्ट

एक याचिकाकर्ता ने दिसंबर 2019 में सीएए के ख़िलाफ़ प्रदर्शन की अनुमति मांगी थी, जिससे गुजरात पुलिस ने इनकार कर दिया. तब उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत उन नियमों को प्रकाशित करने के लिए कहा, जो पुलिस को प्रदर्शन या रैलियां करने की अनुमति देने या अस्वीकार करने का अधिकार देते हैं. हालांकि उनके आवेदन को गुजरात पुलिस द्वारा ख़ारिज कर दिया गया था.

फीस न दे पाने से छात्र को बोर्ड परीक्षा देने से रोकना अनुच्छेद 21 का उल्लंघन: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा है कि फीस का भुगतान न करने के आधार पर शैक्षणिक सत्र के बीच में एक बच्चे को कक्षाओं में बैठने और परीक्षा देने से नहीं रोका जा सकता है. शिक्षा वह नींव है, जो एक बच्चे के भविष्य को आकार देती है और जो सामान्य रूप से समाज के भविष्य को आकार देती है.

अनुच्छेद 19 व 21 के तहत मौलिक अधिकार निजी व्यक्तियों/संस्थाओं के ख़िलाफ़ भी लागू होते हैं: कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट की एक संविधान पीठ ने कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 19 और 21 में निहित मौलिक अधिकारों को लेकर मूल सोच यह है कि इन्हें केवल राज्य के ख़िलाफ़ लागू किया जा सकता है, लेकिन समय के साथ यह बदल गया है.

विवाह में निजी पसंद की स्वतंत्रता संविधान के अनुच्छेद 21 का अंग: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रेम विवाह से संबंधित एक मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि क़ानून के अनुसार विवाह में निजी पसंद की स्वतंत्रता भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 का अंतर्निहित अंग है. आस्था के सवालों का भी जीवनसाथी चयन की स्वतंत्रता पर कोई असर नहीं पड़ता और यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मूल तत्व है.

सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- नीरा राडिया के टेप की जांच में कोई आपराधिक तत्व नहीं मिला

सुप्रीम कोर्ट उद्योगपति रतन टाटा की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें टेप के लीक होने में शामिल लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की गई थी.

छत्तीसगढ़: कोर्ट ने कहा- क़ैदी को तय सज़ा से अधिक समय ज़ेल में रखने पर मुआवज़ा दे सरकार

छत्तीसगढ़ में बलात्कार के एक आरोपी को ट्रायल कोर्ट ने 12 साल क़ैद की सज़ा सुनाई थी, जिसे हाईकोर्ट ने घटाकर सात साल कर दिया था. इसके बावजूद अपराधी को 10 साल 3 महीने तक ज़ेल में रखा गया. मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचने पर जेल अधीक्षक ने हाईकोर्ट के फ़ैसले पर अनभिज्ञता ज़ाहिर की, जिस पर अदालत ने राज्य सरकार पर जुर्माना लगाते हुए उसे अपने अधिकारी के इस कृत्य के लिए अप्रत्यक्ष तौर पर ज़िम्मेदार माना

बच्चे को जन्म देने का चुनाव व्यक्तिगत स्वतंत्रता का एक आयाम है: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक गर्भवती महिला को भ्रूण में अधिक विकृति रहने के चलते मेडिकल गर्भपात कराने की अनुमति दी है. याचिकाकर्ता ने गर्भपात की अनुमति के लिए याचिका दायर कर दावा किया था कि भ्रूण दिल की असामान्यताओं से पीड़ित है और उसके जीवित रहने की संभावना सीमित है.

डिफॉल्ट ज़मानत का अधिकार व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अपरिहार्य हिस्सा है: दिल्ली हाईकोर्ट

अदालत ने दहेज हत्या के एक आरोपी को ज़मानत देते हुए कहा कि यदि निर्धारित अवधि में चार्जशीट दायर नहीं की जाती, तो विचाराधीन क़ैदी को ज़मानत पर रिहा किया जाना चाहिए. हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि आरोपी के स्वतंत्र होने के अधिकार को जांच जारी रखने और आरोपपत्र दायर करने के राज्य के अधिकार पर प्राथमिकता दी जाती है.

हमारा संविधान: अनुच्छेद-21 जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अर्थ

वीडियो: अनुच्छेद-21 में जिन शब्दों का उपयोग हुआ है, उनकी सुप्रीम कोर्ट ने कैसे व्याख्या की है? अपराधियों के अधिकार से लेकर महिलाओं के अधिकारों तक- फेयर ट्रायल, स्पीड ट्रायल और पर्यावरण की सुरक्षा को भी कोर्ट ने अनुच्छेद-21 में बताया है. इस विषय में विस्तार से बता रही हैं सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता अवनि बंसल.

हमारा संविधान; अनुच्छेद 21: एके गोपालन मामले से लेकर मेनका गांधी संबंधी फैसला

वीडियो: संविधान का अनुच्छेद 21 क्या कहता है और इसका क्या इतिहास है, क्यों इसे मूल अधिकारों में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है? अनुच्छेद 21 में दिए गए अधिकार को अमेरिकी संविधान की तुलना में सुप्रीम कोर्ट ने कैसे देखा, बता रही हैं सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता अवनि बंसल.

क़ानून-व्यवस्था का संभावित उल्लंघन हिरासत में रखने का आधार नहीं हो सकता है: सुप्रीम कोर्ट

तेलंगाना के एक निवासी के मामले की सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा कि 'क़ानून और व्यवस्था', 'सार्वजनिक व्यवस्था' और 'राज्य की सुरक्षा' एक दूसरे से अलग होते हैं.