दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज के छात्रावास में मांसाहारी भोजन बंद करने लेकर विवाद शुरू हो गया है. यहां की प्रिंसिपल का कहना है कि हमारा अपना दर्शन है और इसीलिए हम मांसाहारी भोजन नहीं परोसेंगे. हम नियमित रूप से ‘हवन’ करते हैं. इस फैसले के विरोध में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने प्रदर्शन करने का फैसला किया है.
सुप्रीम कोर्ट एक नाबालिग के अपहरण और बलात्कार के मामले में आरोपी की ओर से पेश की गई ज़मानत याचिका पर सुनवाई कर रहा था. आरोपी ने अपने बचाव में पीड़िता को बालिग और अपनी पत्नी बताते हुए आर्य समाज मंदिर का विवाह प्रमाण-पत्र पेश किया था, जिसे शीर्ष अदालत ने क़ानूनी मान्यता देने से इनकार कर दिया.
स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की हंसराज कॉलेज इकाई ने आरोप लगाया कि छात्राओं के छात्रावास के लिए तय स्थान पर ‘गोशाला’- स्वामी दयानंद गो-संरक्षण और अनुसंधान केंद्र बनाया जा रहा है. प्रदर्शनकारी छात्रों ने कॉलेज के बाहर प्रदर्शन के दौरान जन शिक्षा की रक्षा करने, छात्र कल्याण को प्राथमिकता देने और शिक्षा का भगवाकरण न करने की मांग की.
दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज में स्वामी दयानंद सरस्वती गो-संवर्धन एवं अनुसंधान केंद्र स्थापित किया गया है. कॉलेज की प्रिंसिपल ने कहा है कि हमारा कॉलेज डीएवी ट्रस्ट कॉलेज है, जिसका आधार आर्य समाज है. उसी परंपरा के अनुरूप हम हर महीने के पहले दिन हवन करते हैं. आग में चढ़ाने के लिए ज़रूरी चीज़ें जैसे- शुद्ध घी, बाज़ार से ख़रीदकर लाना पड़ता है. अब हम इस मामले में आत्मनिर्भर बन सकते हैं.
सीबीआई के पूर्व अंतरिम निदेशक और पूर्व आईपीएस अधिकारी एम. नागेश्वर राव ने 80 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश के निधन पर ट्वीट कर कहा था कि अच्छा हुआ छुटकारा मिला. उन्होंने यह भी कहा था कि उन्हें यमराज से शिकायत है कि उन्होंने इतना लंबा इंतज़ार क्यों किया!
स्वामी अग्निवेश गांधी की परंपरा के हिंदू थे, जो मुसलमान, सिख, ईसाई या आदिवासी को अपने रंग में ढालना नहीं चाहता और उनके लिए अपना खून बहाने को तत्पर खड़ा मिलता है. वे मुसलमानों और ईसाइयों के सच्चे मित्र थे और इसीलिए खरे हिंदू थे.
स्वामी अग्निवेश लिवर सिरोसिस नाम की बीमारी से पीड़ित थे और बीते कुछ दिनों से काफी बीमार थे. उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था. बीते मंगलवार से वह वेंटिलेटर पर थे.