राजस्थान में कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया था कि वह पिछली सरकार द्वारा शुरू की गई जनकल्याणकारी योजनाओं को बंद कर देगी. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा था कि कोई योजना बंद नहीं होगी. हालांकि, सोमवार शाम को ही कांग्रेस द्वारा शुरू किए गए राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्नशिप कार्यक्रम को तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश दिया गया है.
राजस्थान में पत्थर कटाई या इससे जुड़े कामों में लगे मज़दूरों में सिलिकोसिस बीमारी आम हो चुकी है. कई श्रमिक इस लाइलाज बीमारी से जूझते हुए जान गंवा चुके हैं, जिसके बाद उनका परिवार मुआवज़े की लड़ाई लड़ता रह जाता है. कई कामगारों ने बताया कि बीमार होने के बाद उन्हें जबरन काम से निकाल दिया गया.
फैक्ट-चेक: सुदर्शन न्यूज़ ने 21 जनवरी को दो हिस्सों में एक वीडियो साझा करते हुए दावा किया कि राजस्थान के जयपुर में एक शिव मंदिर को बंद कर वहां मज़ार बनाई गई है. ऑल्ट न्यूज़ की पड़ताल में सामने आया कि यह मज़ार नई नहीं है बल्कि 30-40 साल से वहीं स्थित है.
राजस्थान के मंत्रिमंडल पुनर्गठन में कांग्रेस आलाकमान ने अनुसूचित जाति व जनजाति और महिलाओं को अच्छी संख्या में प्रतिनिधित्व देकर एक प्रयोग करने की कोशिश की है. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यह कांग्रेस की अपने पुराने और पारंपरिक वोट बैंक की ओर लौटने की छटपटाहट है.
इन मंत्रियों में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार में राजस्व मंत्री हरीश चौधरी, चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा और शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा शामिल हैं. डोटासरा इस समय पार्टी प्रदेश अध्यक्ष हैं, शर्मा को पार्टी ने हाल में गुजरात व हरीश चौधरी को पंजाब का प्रभारी नियुक्त किया है.
राजस्थान के पूर्व मंत्री लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे थे. वह भंवरी देवी अपहरण व हत्या मामले में ज़मानत पर बाहर थे. भंवरी देवी जोधपुर में सरकारी नर्स थी. मदेरणा व पूर्व विधायक मलखान सिंह का उनके साथ कथित तौर पर अवैध संबंध था. सितंबर 2011 में भंवरी देवी की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी.
ग्राउंड रिपोर्ट: सिलिकोसिस बीमारी की रोकथाम के लिए अक्टूबर 2019 में राजस्थान सरकार ने नीति बनाई थी. इस तहत इस बीमारी से पीड़ित लोगों को मिलने वाली सहायता राशि इनके लिए नाकाफ़ी साबित हो रही है. इलाज के दौरान इससे कहीं ज़्यादा की राशि का इन पर क़र्ज़ हो गया है.
कोटा के जेके लोन अस्पताल में बीते 9-10 दिसंबर को नौ नवजात शिशुओं की मौत हुई थी. शुक्रवार को तीन शिशुओं की मौत के बाद यह आंकड़ा बढ़कर 12 हो गया है. राज्य सरकार ने इन मौतों की जांच के लिए एक चार सदस्यीय समिति का गठन किया है.
राजस्थान के कोटा शहर स्थित जेके लोन अस्पताल का मामला. पिछले साल दिसंबर महीने में भी इस अस्पताल में 100 से अधिक शिशुओं की मौत को लेकर काफी हंगामा मचा था.