एनआरसी के प्रकाशन को आगे बढ़ाने की मांग करते हुए एबीवीपी ने कहा कि वर्तमान सूची में बहुत से मूल निवासियों के नाम छूटे हैं और अवैध प्रवासियों के नाम जोड़े गए हैं. जब तक इसे दोबारा सत्यापित कर सौ फीसदी 'त्रुटिहीन' नहीं बनाया जाता, इसका प्रकाशन नहीं होना चाहिए.
गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में कहा गया कि अगर किसी का नाम सूची में नहीं है तो वह फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल में 120 दिन के अंदर अपील दायर कर सकते हैं. यह समय सीमा पहले 60 दिन की थी.
असम के संसदीय कार्य मंत्री चंद्रमोहन पटवारी ने विधानसभा में बताया कि इस साल अब तक डिटेंशन सेंटरों में विदेशी घोषित किए गए सात लोगों की जान जा चुकी है.
बीते मई में विदेशी न्यायाधिकरण आदेश में हुए संशोधन ने विदेशी नागरिकों की पहचान के लिए देश भर में ऐसे न्यायाधिकरण खोले जाने की संभावना के बारे में बहस की शुरुआत की, जिसके बाद इसे लेकर गृह मंत्रालय ने स्पष्टीकरण दिया. जानिए क्या हैं विदेशी न्यायाधिकरण और इससे जुड़े नियम.
संसदीय कार्य मंत्री चंद्र मोहन पटवारी ने विधानसभा में बताया कि 1985 से अगस्त 2018 तक कुल 1,03,764 लोगों को अवैध विदेशी घोषित किया गया है. एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि 1985 से अगस्त 2018 तक 94,425 लोगों को अवैध विदेशी घोषित किया गया.
नागरिकता विधेयक के ख़िलाफ़ पूर्वोत्तर राज्यों में विरोध जारी. विधेयक के ख़िलाफ़ साथ आएंगे जदयू समेत भाजपा नीत नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस के 10 घटक दल. त्रिपुरा के आदिवासी नेता ने भाजपा से दिया इस्तीफ़ा, कहा- विधेयक मूल निवासियों के लिए ख़तरा.
नागरिकता विधेयक को लेकर राज्य में प्रदर्शन जारी. हीरेन गोहेन के अलावा सामाजिक कार्यकर्ता अखिल गोगोई और पत्रकार मंजीत महंत पर भी राजद्रोह का मामला दर्ज.
नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016 के आगामी विधानसभा सत्र में पेश होने की संभावना के बीच गुवाहाटी में विभिन्न संगठनों द्वारा इसका विरोध जारी है.
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह समेत पार्टी के कई नेता असम में एनआरसी की अंतिम सूची आने से पहले ही 40 लाख लोगों को घुसपैठिया बता चुके हैं.
असम में एनआरसी मसौदा जारी होने के बाद से भाजपा नेता देश के विभिन्न राज्यों में एनआरसी की मांग कर रहे हैं. वहीं भाजपा महासचिव राम माधव का कहना है कि देश भर से रोहिंग्या घुसपैठियों को डिपोर्ट किया जाएगा.
असम देश का इकलौता राज्य है, जहां राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर यानी एनआरसी बनाया जा रहा है. एनआरसी क्या है? असम में ही इसे क्यों लागू किया गया है और इसे लेकर विवाद क्यों है?
इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में त्रिपुरा, असम, नगालैंड, मेघालय और मणिपुर के प्रमुख समाचार.
राज्य के ताकतवर छात्र संगठन अखिल असम छात्र संघ (आसू) समेत 30 संगठन इसका विरोध कर रहे हैं. इन संगठनों का कहना है कि भाजपा सरकार 1971 के बाद आए बांग्लादेशी हिंदुओं को असम में बसाने की कोशिश कर रही है.