केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में चर्चा के दौरान कहा था कि नागरिकता संशोधन कानून के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक भारत में आए धार्मिक प्रताड़ना के शिकार हिंदुओं, जैनों, बौद्धों, पारसियों, सिखों और इसाइयों को नागरिकता दी जाएगी.
असम में इस समय छह डिटेंशन केंद्रों में हज़ार से अधिक लोग बंद हैं. राज्य के वित्त मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक पारित हो जाने के बाद हिंदू, बौद्ध, जैन और ईसाइयों को डिटेंशन सेंटर में नहीं रखा जाएगा.
मध्य प्रदेश के रतलाम-झाबुआ सीट से भाजपा के लोकसभा उम्मीदवार गुमानसिंह डामोर ने कहा कि मोहम्मद जिन्ना एक एडवोकेट और एक विद्वान व्यक्ति थे. अगर उस समय निर्णय लिया गया होता कि हमारा प्रधानमंत्री मोहम्मद अली जिन्ना बनेगा तो इस देश के टुकड़े नहीं होते.
असम में नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2016 का भारी विरोध हो रहा है. यहां के वित्त मंत्री और पूर्वोत्तर के लिए भाजपा के मुख्य रणनीतिकार हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि यह जिन्ना की विरासत और भारत की विरासत के बीच की लड़ाई है.