केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जोरहाट, गोलाघाट, कार्बी आंगलोंग और दीमा हसाओ से आफस्पा को हटा लिया है. जिन चार ज़िलों में इसकी अवधि बढ़ाई गई है, उनमें डिब्रूगढ़, तिनसुकिया, शिवसागर और चराइदेव शामिल हैं. असम सरकार ने पिछले महीने केंद्र से सिफ़ारिश की थी कि 1 अक्टूबर से राज्य के बाकी बचे आठ ज़िलों से आफस्पा हटा दी जाए.
असम के डीजीपी भास्कर ज्योति महंत कहा है कि राज्य में मुसलमानों की अच्छी-ख़ासी आबादी है और यह ‘कट्टरपंथ को बढ़ावा देने’ के लिए ‘स्वाभाविक लक्ष्य’ है. उन्होंने कहा कि कट्टरपंथ को बढ़ावा देने वाली गतिविधियां आमतौर पर छोटे मदरसों में की जाती हैं.
असम में नागरिकता संशोधन विधेयक के ख़िलाफ़ लगातार प्रदर्शन चल रहे हैं. पिछले कुछ सप्ताहों के दौरान मंत्रियों और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को उनके दौरे पर काले झंडे दिखाकर स्थानीय लोग अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं, इसलिए ऐसे कार्यक्रमों में काले रंग के कपड़ों और वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है.