असम विधानसभा में यह प्रतिक्रिया ‘द वायर’ और ‘द क्रॉसकरंट’ वेबसाइट द्वारा मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा की ग़ैर-सरकारी यात्रा के दौरान चार्टर्ड उड़ानों पर राज्य सरकार द्वारा करोड़ों ख़र्च करने पर एक संयुक्त रिपोर्ट प्रकाशित करने के तीन दिन बाद आई है. विधायक अखिल गोगोई के प्रश्नों के जवाब में राज्य सरकार ने यह जानकारी दी है.
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द वायर और द क्रॉसकरंट ने आरटीआई से मिली जानकारी के आधार पर एक रिपोर्ट में बताया था कि असम के सीएम हिमंता बिस्वा शर्मा के उनकी पार्टी के काम और कुछ सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए की गई यात्राओं की चार्टर्ड फ्लाइट्स के लिए सरकारी पैसे का इस्तेमाल हुआ था.
2015 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में पहुंचे असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा राष्ट्रीय नेतृत्व के क़रीबी माने जाते हैं और अक्सर देश के विभिन्न राज्यों में पार्टी का प्रचार करते दिखते हैं. अब एक आरटीआई के जवाब में सामने आया है कि पार्टी के काम से संबंधित ऐसे दौरों का ख़र्चा राज्य सरकार वहन करती रही है.
मून इंगटिपी पर असम के विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने के बहाने लोगों से ठगी करने का आरोप है. वह कार्बी आंगलोंग ज़िले में भाजपा के किसान मोर्चा की सचिव थीं. पार्टी नेताओं ने कहा कि गिरफ़्तारी के बाद उन्हें बर्ख़ास्त कर दिया गया.
नवंबर 2021 में गुवाहाटी में एक कार्यक्रम हुआ. पांच महीने बाद उस आयोजन को करवाने का टेंडर निकाला गया. ऐसा कैसे संभव है और इसे पाने वाली कंपनी के कारोबार से मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा के परिवार का क्या रिश्ता है?
फरवरी 2022 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तीन दिन के असम दौरे पर थे, जिस दौरान वे काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान भी गए थे. अब एक आरटीआई के जवाब में सामने आया है कि उनकी मेजबानी इंतज़ामों के लिए सरकार ने 1.1 करोड़ रुपये बाघ संरक्षण निधि और 51 लाख रुपये उद्यान के एक अन्य वन्यजीव कोष से लिए थे.
असम विधानसभा में बीबीसी के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पारित करते हुए इसकी हालिया डॉक्यूमेंट्री के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की गई. मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मीडिया द्वारा प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना का कभी विरोध नहीं किया लेकिन बीबीसी डॉक्यूमेंट्री देश की न्यायपालिका पर हमला है.
असम की हिमंता बिस्वा शर्मा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार राज्य में बाल विवाह के ख़िलाफ़ अभियान चला रही है. इसके तहत हज़ारों की संख्या में लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. गौहाटी हाईकोर्ट ने कहा है कि ऐसे मामलों में हिरासत में लेकर आरोपियों से पूछताछ की कोई ज़रूरत नहीं है.
असम की भाजपा सरकार ने बीते 23 जनवरी को फैसला किया था कि बाल विवाह में शामिल लोगों को गिरफ़्तार करने के साथ जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा. इस घोषणा के एक पखवाड़े से भी कम समय में पुलिस ने बाल विवाह के 4,004 मामले दर्ज किए हैं. महिलाएं का कहना है कि केवल परिवार के पुरुषों को ही क्यों पकड़ा जा रहा है? हम और हमारे बच्चे कैसे जिएंगे? हमारे पास आय के साधन नहीं हैं.
असम के डीजीपी भास्कर ज्योति महंत कहा है कि राज्य में मुसलमानों की अच्छी-ख़ासी आबादी है और यह ‘कट्टरपंथ को बढ़ावा देने’ के लिए ‘स्वाभाविक लक्ष्य’ है. उन्होंने कहा कि कट्टरपंथ को बढ़ावा देने वाली गतिविधियां आमतौर पर छोटे मदरसों में की जाती हैं.
नागरिकता अधिनियम की धारा-6ए विशेष प्रावधान के तहत शामिल की गई है ताकि असम समझौते के तहत आने वाले लोगों की नागरिकता से संबंधित मामलों से निपटा जा सके. क़ानून का यह प्रावधान बांग्लादेश से असम आने वालों के लिए 25 मार्च 1971 की ‘कट ऑफ तारीख’ तय करता है.
असम सरकार ने बराक घाटी में कछार के लखीपुर उप-मंडल के अलावा तिनसुकिया, डिब्रूगढ़, चराईदेव, शिवसागर, जोरहाट, गोलाघाट, कार्बी आंगलोंग और दीमा हसाओ जिलों को अशांत क्षेत्र घोषित करते हुए आफ़स्पा की अवधि छह महीने के लिए बढ़ा दी है.
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बीते चार जून को मीडिया में आईं ख़बरों का ज़िक्र करते हुए आरोप लगाया था कि लॉकडाउन के दौरान असम सरकार ने अन्य कंपनियों से 600 रुपये प्रति किट के हिसाब से पीपीई किट ख़रीदी और राज्य के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा की पत्नी व बेटे के व्यापारिक साझेदारों की कंपनियों को 990 रुपये के हिसाब से तत्काल इन किट की आपूर्ति करने के आदेश दिए थे.
बीते दिनों राज्य मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है कि शैक्षणिक वर्ष 2023 से सभी सरकारी और प्रांतीय असमिया और अन्य स्थानीय माध्यम के स्कूलों में कक्षा तीन से गणित और विज्ञान अंग्रेज़ी में पढ़ाए जाएंगे. साहित्य व छात्र संगठनों का कहना है कि हालिया आदेश मातृभाषा में पढ़ाई कराने वाले स्कूलों और अंतत: असमी, बोडो व राज्य की अन्य भाषाओं के लिए मौत का फ़रमान साबित होंगे.