नॉर्थ ईस्ट डायरीः नई सैटेलाइट तस्वीरों में दिखा चीन द्वारा अरुणाचल में फिर बनाया गया एन्क्लेव

इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, असम, मिजोरम और मणिपुर के प्रमुख समाचार.

असम: कथित तौर पर क़र्ज़ न चुकाने के 25 साल पुराने मामले में पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे गिरफ़्तार

सीबीआई ने असम के पूर्व मुख्यमंत्री हितेश्वर सैकिया के बेटे और कारोबारी अशोक सैकिया को कथित तौर पर लोन न चुकाने के मामले में गिरफ़्तार किया है. अशोक ने मामले को निराधार बताया है, वहीं उनके बड़े भाई और असम विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया ने कहा कि यह क़र्ज़ पहले ही चुका दिया गया है.

नॉर्थ ईस्ट डायरी: हाईकोर्ट ने अल्पसंख्यकों पर कथित हमले पर त्रिपुरा सरकार से रिपोर्ट मांगी

इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में त्रिपुरा, असम, मणिपुर, मेघालय, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश के प्रमुख समाचार.

असम: कथित ‘तालिबान समर्थक पोस्ट’ के लिए यूएपीए के तहत गिरफ़्तार 14 लोगों को ज़मानत

असम पुलिस द्वारा इस मामले में गिरफ़्तार किए गए सोलह लोगों में से चौदह को निचली अदालत और गुवाहाटी हाईकोर्ट ने ज़मानत दे दी है. कोर्ट ने कहा कि उन्हें जेल में रखने के लिए कोई पर्याप्त आधार नही हैं.

द इंडियन मुस्लिम्स: देश की सबसे बड़ी धार्मिक अल्पसंख्यक आबादी के डर व शंकाओं का लेखा-जोखा

पुस्तक समीक्षा: हुमरा क़ुरैशी की किताब ‘द इंडियन मुस्लिम्स- ग्राउंड रियालिटीज़ ऑफ लार्जेस्ट मायनॉरिटी इन इंडिया’ आजा़दी की 75वीं सालगिरह मनाने के इस दौर में ‘हिंदोस्तां के मुसलमान’ किस तरह अपने सबसे ‘स्याह दौर’ से गुजर रहे हैं, इसका ज़िक्र करते हुए यह आशंका ज़ाहिर करती है कि ‘अगर सांप्रदायिक विषवमन नियंत्रित नहीं किया गया तो आपसी विभाजन बदतर हो जाएगा.’

क्या हिंसा की संस्कृति अब भारत की पहचान बनती जा रही है

अगर किसी के ख़िलाफ़ शक़ और नफ़रत समाज में भर दी जाए तो उस पर हिंसा आसान हो जाती है क्योंकि उसका एक कारण पहले से तैयार कर लिया गया होता है. आज हिंसा और हत्या की इस संस्कृति को समझना हमारे लिए बहुत ज़रूरी है इसके पहले कि यह देश को पूरी तरह तबाह कर दे.

असम फायरिंग को अवैध क़ब्ज़े से ज़मीन ख़ाली कराने के मसले के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए

असम में ज़मीन से ‘बाहरी’ लोगों की बेदख़ली मात्र प्रशासनिक नहीं, राजनीतिक अभियान है. बेदख़ली एक दोतरफा इशारा है. हिंदुओं को इशारा कि सरकार उनकी ज़मीन से बाहरी लोगों को निकाल रही है और मुसलमानों को इशारा कि वे कभी चैन से नहीं रह पाएंगे.

असम में बेदख़ली अभियान के दौरान घायल हुए लोगों को नहीं मिला उचित इलाज: रिपोर्ट

एक फैक्ट फाइंडिंग टीम की जांच में पता चला है कि असम के दरांग जिले में 21 सितंबर को प्रशासन द्वारा बेदख़ली अभियान के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प में जिन तीन लोगों को गोली लगी थी, उनके शरीर से 27 सितंबर तक गोलियां नहीं निकाली गई थीं.

असम: बेदख़ली अभियान पर ‘भड़काऊ’ टिप्पणी करने के आरोपी कांग्रेस विधायक पार्टी से निलंबित

कांग्रेस विधायक शर्मन अली अहमद को बीते दिनों दरांग ज़िले में हुए अतिक्रमण रोधी अभियान को लेकर विवादित टिप्पणी करने के लिए शनिवार को गिरफ़्तार किया गया है. कांग्रेस की असम इकाई ने बताया कि पार्टी के अनुशासन का ‘बार-बार उल्लंघन करने’ को लेकर अहमद को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.

असम बेदख़ली अभियान: सांप्रदायिक टिप्पणी के आरोप में कांग्रेस विधायक गिरफ़्तार

आरोप है कि कांग्रेस विधायक शर्मन अली अहमद ने 1983 में असम आंदोलन के दौरान सिपाझार इलाके के पास राज्य के आठ युवाओं की हत्या पर विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि आंदोलन के दौरान मारे गए आठ युवा ‘शहीद’ नहीं बल्कि ‘हत्यारे’ थे, क्योंकि वे अल्पसंख्यक समुदाय के अन्य लोगों की हत्या में शामिल थे. बीते दिनों इसी इलाके में प्रशासन की ओर से चलाए गए बेदख़ली अभियान के दौरान हिंसा में 12 साल के एक बच्चे

असमः बेदख़ली अभियान के दौरान हिंसा भड़काने के आरोप में दो लोग गिरफ़्तार

असम के दरांग ज़िले के सिपाझार में 23 सितंबर को राज्य सरकार द्वारा एक कृषि परियोजना के लिए अधिग्रहीत ज़मीन से कथित ‘अवैध अतिक्रमणकारियों’ को हटाने के दौरान पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच झड़प हो गई थी. इस दौरान पुलिस की गोलीबारी में 12 साल के बच्चे सहित दो लोगों की मौत हुई, जबकि नौ पुलिसकर्मियों सहित 15 लोग घायल हुए थे.

असम: अतिक्रमण हटाने का विरोध कर रहे स्थानीय लोगों पर पुलिस ने गोलियां बरसाईं, दो की मौत

घटना दरांग ज़िले के सिपाझार की है, जहां पुलिस ने अतिक्रमण हटाने के एक अभियान के दौरान गोलियां चलाईं, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई. पुलिस का दावा है कि स्थानीय लोगों ने उन पर हमला किया था, जिसके बाद उन्हें बल प्रयोग करना पड़ा. राज्य सरकार ने घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं.