असम कांग्रेस ने 2021 विधानसभा चुनाव का ‘महत्वपूर्ण डेटा’ छिपाने के लिए चुनाव आयोग को पत्र लिखा

असम कांग्रेस ने चुनाव आयोग को लिखे पत्र में यह बताए जाने की मांग की है कि पिछले विधानसभा चुनाव के फॉर्म-20 या अंतिम परिणाम पत्र में ऐसे बदलाव क्यों किए गए हैं, जिनमें मतदान केंद्रों के नाम और उन राजनीतिक दलों के नाम नहीं बताए गए हैं, जिनके उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे. पार्टी ने चुनाव आयोग द्वारा ऐसी जानकारी को हटाने पर सवाल उठाए हैं.

असम: महिलाओं से जुड़ी एक सरकारी योजना का लाभ तीन से अधिक बच्चों वाली माताओं को नहीं मिलेगा

असम सरकार ने मुख्यमंत्री महिला उद्यमिता अभियान योजना शुरू की है. सामान्य और ओबीसी श्रेणियों की महिलाएं अगर इस योजना का लाभ उठाना चाहती हैं तो उनके तीन से अधिक बच्चे नहीं होने चाहिए, जबकि अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अनुसूचित जाति (एससी) की महिलाओं के लिए यह सीमा चार बच्चों की है.

आदिवासियों को समान नागरिक संहिता के दायरे से बाहर रखा जाएगा: असम मुख्यमंत्री

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा है कि असम समान नागरिक संहिता को लागू करेगा, लेकिन इसका स्वरूप अन्य भाजपा शासित राज्यों में अमल में लाए जा रहे मॉडल से अलग होगा. इसमें कुछ संशोधनों के साथ आदिवासी समुदाय को छूट दी जाएगी.

शांति समझौता ‘शर्मनाक’; लक्ष्य और आदर्श छोड़े जाने पर राजनीतिक समाधान संभव नहीं: उल्फा (आई)

मालूम हो कि केंद्रीय गृह मंत्रालय, असम सरकार और यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के वार्ता समर्थक गुट ने बीते 29 दिसंबर को एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे. परेश बरुआ के नेतृत्व वाला दूसरा गुट, जिसे उल्फा (आई) के नाम से जाना जाता है, शांति प्रक्रिया में शामिल नहीं हुआ है.

पूरे असम से एनआरसी को फिर से करने की मांग हो रही है: मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि राज्य में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) फिर से करने की मांग हो रही है, क्योंकि पिछली एनआरसी में कई कारक थे, जिसके कारण हम इसे ठीक से नहीं कर सके. असम में हालिया परिसीमन प्रक्रिया पर उन्होंने कहा कि 126 में से लगभग 97 सीटें स्वदेशी लोगों के लिए सुरक्षित की गई है.

जादू-टोने के संदेह में महिला को जलाकर मार डाला गया: असम पुलिस

घटना बीते 24 दिसंबर रात असम के सोनितपुर ज़िले के एक गांव में हुई. पुलिस ने कहा कि महिला को ज़िंदा जलाकर मार डालने के आरोप में छह लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. इन सभी की उम्र 30 से 35 साल के बीच है. ये कथित तौर पर नशे की हालत में थे, उन्होंने महिला के पति को बांध दिया था और उसे आग लगा दी.

असम: पुलिस अधिनियम में संशोधन के चलते पुलिस के कदाचार की जवाबदेही तय करना मुश्किल हुआ

एक अध्ययन में कहा गया है कि असम उन कुछ राज्यों में शुमार है जहां सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार राज्य पुलिस जवाबदेही आयोग (एसपीएसी) कार्यरत है, लेकिन 2022 में भाजपा सरकार द्वारा राज्य पुलिस अधिनियम में किए गए संशोधन आयोग की स्वतंत्रता से समझौता करते हैं.

असम: डिटेंशन केंद्रों में मानवाधिकार उल्लंघन, संदिग्ध नागरिकता वालों को अपराधियों के साथ रखा

सेंटर फॉर न्यू इकोनॉमिक्स स्टडीज़ की 'आज़ाद आवाज़' टीम की एक रिपोर्ट बताती है कि असम के हिरासत शिविरों यानी डिटेंशन केंद्रों में संदिग्ध नागरिकता वाले लोगों को अमानवीय हालात में रहना पड़ रहा है, जहां गंभीर अपराधों की सज़ा काट रहे क़ैदी भी उनके साथ ही रहते हैं.

नागरिकता क़ानून: केंद्र ने कोर्ट से कहा- अवैध प्रवासियों का सटीक आंकड़ा एकत्र कर पाना संभव नहीं

असम समझौते पर हस्ताक्षर के बाद नागरिकता अधिनियम, 1955 में जोड़ी गई धारा 6ए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर शीर्ष अदालत में चली सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने यह जवाब दाख़िल किया था. केंद्र सरकार ने अपने हलफ़नामे में कहा है कि 2017 और 2022 के बीच कुल 14,346 विदेशियों को निर्वासित किया गया है.

बिहार जाति सर्वेक्षण: नदियों का सगा माना गया है केवट समुदाय

जाति परिचय: बिहार में हुए जाति आधारित सर्वे में उल्लिखित जातियों से परिचित होने के मक़सद से द वायर ने एक श्रृंखला शुरू की है. यह भाग केवट जाति के बारे में है.

साल 2022 में यूएपीए के तहत 1,005 मामले दर्ज हुए: एनसीआरबी डेटा

ग़ैरक़ानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत साल 2022 में सर्वाधिक 371 मामले जम्मू कश्मीर में दर्ज हुए. इसके बाद इसके तहत मणिपुर में 167, असम में 133 और उत्तर प्रदेश में 101 मामले दर्ज हुए.

विदेशी न्यायाधिकरणों द्वारा दिए गए आदेशों की समीक्षा करे असम सरकार: गौहाटी हाईकोर्ट

गौहाटी हाईकोर्ट ने बोंगाईगांव के निवासी फोरहाद अली की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया, जिन्हें अक्टूबर 2019 में एक न्यायाधिकरण द्वारा विदेशी घोषित कर दिया गया था. अदालत ने चिंता व्यक्त की कि कई मामलों में बिना कारण बताए या दस्तावेज़ों का उचित विश्लेषण किए बिना लोगों को विदेशी घोषित कर दिया गया होगा.

कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न को गंभीरता से लिया जाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने गौहाटी हाईकोर्ट के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें एक महिला अधीनस्थ द्वारा लगाए यौन उत्पीड़न के आरोप में सेवा चयन बोर्ड के एक पूर्व कर्मचारी की 50% पेंशन रोकने का आदेश निरस्त किया गया था. कोर्ट ने कहा कि उत्पीड़न करने वाले को क़ानून के चंगुल से बचने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.

असम: ‘विदेशी’ घोषित कर डिटेंशन सेंटर भेजी गई महिला को छह साल बाद भारतीय माना गया

कछार ज़िले की दुलुबी बीबी की नागरिकता साल 1997 के विधानसभा चुनाव की वोटर्स लिस्ट में दर्ज नाम के आधार पर संदिग्ध मानी गई थी और 2017 में उन्हें फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल ने 'विदेशी' घोषित कर दिया था. वे दो साल डिटेंशन सेंटर में रहीं. अब ट्रिब्यूनल ने उनके द्वारा दिए गए दस्तावेज़ों को सही माना है.

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