मध्य प्रदेश के शाजापुर ज़िले के एक गांव का मामला. आरोप है कि दलित समुदाय की 16 वर्षीय लड़की स्कूल से पढ़कर घर लौट रही थी, जब कुछ लोगों ने उसका रास्ता रोक बस्ता छीना और उससे स्कूल नहीं जाने को कहा, क्योंकि गांव की अन्य लड़कियां भी स्कूल नहीं जाती हैं. इसी बात को लेकर लड़की के परिवार और आरोपियों के परिजनों के बीच मारपीट हो गई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय गृह सचिव से भीड़ हिंसा और नफ़रत भरे भाषण जैसी अप्रिय स्थितियों को रोकने के लिए निवारक, सुधारात्मक और उपचारात्मक उपायों के संबंध में उसके पूर्व के दिशानिर्देशों के अनुपालन को लेकर राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों से सूचना एकत्रित कर कोर्ट को इसकी जानकारी देने को कहा है.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच कहा कि यूपी में शपथ लेने वाले 45 नए मंत्रियों में से 22 ने अपने ख़िलाफ़ आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है और उनमें से ज़्यादातर पर गंभीर आरोप हैं.
मृतक की पहचान 40 वर्षीय नेपाल निवासी मंगल के रूप में हुई. वह सुरक्षा गार्ड के रूप में काम करते थे. इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ़्तार किया है, जो नेपाल के ही रहने वाले हैं. पुलिस ने बताया कि मृतक ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ मुख्य आरोपी और उसके पिता को कुछ समय पहले सबके सामने पीटा था, जिसका आरोपियों ने बदला लिया.
उत्तर प्रदेश के मथुरा ज़िले के वृंदावन में एक आश्रम में रहकर नर्सिंग की पढ़ाई कर रही छात्रा ने काशी विद्वत परिषद के पश्चिम भारत प्रभारी भागवताचार्य कार्ष्णि नागेंद्र महाराज तथा उनके एक साथी देवेंद्र शुक्ला के ख़िलाफ़ बलात्कार, मारपीट तथा जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज कराया है. छात्रा के आत्मदाह की धमकी दिए जाने के बाद यह केस दर्ज किया गया है. भागवताचार्य ने इन आरोपों इनकार किया है.
बलरामपुर ज़िले का मामला. पुलिस ने बताया कि सोशल मीडिया पर वायरल हुए दो वीडियो में से एक में दलित बिरादरी के ग्राम रोज़गार सेवक पवन कुमार को ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि अजय कुमार उपाध्याय जातिसूचक अपशब्द कहते हुए मारने के लिए दौड़ते दिख रहे हैं. दूसरे वीडियो में पवन के चेहरे और आंख पर गंभीर चोट के निशान हैं और वे आपबीती सुनाते हुए इंसाफ़ मांग रहे हैं.
इस घटना को लेकर एक वीडियो सामने आया है, जिसमें ये देखा जा सकता है कि कट्टर हिंदुत्ववादी नेता यति नरसिंहानंद की अनुयायी मधु शर्मा मुस्लिम व्यक्ति का बाल पकड़ कर खींच रही हैं और उन्हें थप्पड़ मार रही हैं. धक्का देने का आरोप लगाते हुए उन्होंने व्यक्ति को पैर छूने के लिए मजबूर किया.
एक सिविल इंजीनियर ने महाराष्ट्र के आवास मंत्री और एनसीपी नेता जितेंद्र आह्वाड पर आरोप लगाया था कि अप्रैल 2020 में एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर पुलिसकर्मी उन्हें आह्वाड के घर लेकर गए, जहां मंत्री की मौजूदगी में उन्हें पीटा गया. भाजपा नेता किरीट सोमैया ने आह्वाड को बर्ख़ास्त करने की मांग की है.
डासना मंदिर के पुजारी और कट्टर हिंदुत्ववादी नेता यति नरसिंहानंद सरस्वती ने आरोप लगाया कि बच्चे को उन पर नज़र रखने के लिए भेजा गया था. पुलिस का कहना है कि उक्त बच्चा क्षेत्र से परिचित नहीं था और अनजाने में मंदिर में चला गया था. उसके बयान की सच्चाई जानने के बाद उसे छोड़ दिया गया.
बीते एक अक्टूबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने किशोरों के ख़िलाफ़ एक साल से अधिक समय से लंबित मामले तत्काल प्रभाव से ख़त्म करने का आदेश दिया था. इस पर कोई क़दम न उठाने जाने पर दिल्ली सरकार को फटकारते हुए कोर्ट ने कहा कि बच्चों व किशोरों को इंतज़ार नहीं कराया जा सकता.
मध्य प्रदेश के आगर मालवा ज़िले के एक निजी स्कूल का मामला. आरोप है कि कुछ मुस्लिम बच्चे ‘भारत माता की जय’ का नारा नहीं लगा रहे थे, जिसका विरोध करने पर विवाद हुआ. इसके बाद विरोध करने वाले एक छात्र और शिक्षक से मारपीट किए जाने का आरोप है.
घटना पांच अक्टूबर की रात मध्य प्रदेश के धार ज़िले के सिंघाना चौकी इलाके में हुई. पुलिस ने बताया कि आरोपी पक्ष का कहना है कि महिला की नज़र लगने से उनके घर में कुछ लोग बीमार हैं. पुलिस ने कहा कि इस तरह के अंधविश्वास के कारण महिला को पीटा गया. सभी आरोपी एक-दूसरे के रिश्तेदार हैं और महिला के निकटतम पड़ोसी हैं.
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि भले ही अधिकांश बच्चों को पुलिस ने पकड़ा नहीं है या पकड़े जाने पर तुरंत उनके माता-पिता को सौंप दिया जाता है, लेकिन मामला कलंकित करने वाला है और बच्चे की गरिमा को प्रभावित करता है. इसलिए इस स्थिति को जारी रखने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.
बीते 4 अगस्त को फ़ैसल अहमद ख़ान नाम के शिक्षक ने धुर दक्षिणपंथी नेताओं यति नरसिंहानंद और सूरज पाल अमू द्वारा अलग-अलग मौकों पर मुस्लिम विरोधी भाषण दिए जाने पर जामिया नगर पुलिस स्टेशन में शिकायतें दी थी. कोई कार्रवाई न होने पर 7 अगस्त को उन्होंने ने साकेत ज़िला अदालत से पुलिस को एफ़आईआर दर्ज करने का निर्देश देने की मांग की.
मध्य प्रदेश के उज्जैन ज़िले का मामला है. महिदपुर क़स्बा निवासी कबाड़ डीलर अब्दुल राशिद एक गांव गए थे. आरोप है कि वहां उन्हें धमकी दी गई कि क्षेत्र में कबाड़ का कारोबार बंद करें. जब वे गांव से निकले तो रास्ते में दो लोगों ने उन्हें रोक लिया और उनके साथ हाथापाई की. फ़िर कथित तौर पर ‘जय श्री राम’ बोलने के लिए भी मजबूर किया.