मामला गुना ज़िले का है. पांच महीने की गर्भवती महिला के पति द्वारा उसे छोड़ने के बाद उसके एक व्यक्ति के साथ रहने से नाराज़ ससुरालवालों ने उससे मारपीट की और कंधे पर एक युवक को बैठाकर तीन किलोमीटर तक नंगे पैर घुमाया. घटना का वीडियो वायरल होने के बाद चार लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है.
उत्तर प्रदेश के शामली ज़िले का मामला. आरोप है कि चार पुलिसकर्मियों द्वारा बीते तीन जनवरी को घर के बाहर बैठे मज़दूर को बेरहमी से पीटा गया, जिससे उनकी मौत हो गई.
उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले का मामला. आरोप है कि उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई थी. कथित रूप से सरकारी हैंडपंप छू लेने के आरोप में बीते 25 दिसंबर को दबंगों ने दलित परिवार के कुछ सदस्यों की पिटाई की थी. पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया कि पुलिस ने वास्तविक घटना छिपाकर मामूली धाराओं में केस दर्ज किया है.
मामला बिहार के कैमूर ज़िले का मामला है. युवक पर एक लड़की को परेशान करने का आरोप लगा था, जिससे वह कथित तौर पर प्रेम करता था. मृतक के पिता ने लड़की के परिवारवालों और पंचायत के सदस्यों के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज कराई है.
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2019 में भारत में महिलाओं एवं दलितों के खिलाफ अपराध में सात फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई है. इस दौरान बलात्कार के प्रतिदिन कम से कम 87 मामले सामने आए हैं. उत्तर प्रदेश में साल दर साल महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं.
गुरुवार को सामने आए राजकोट के सिविल अस्पताल के वीडियो में एक मरीज़ के साथ अस्पताल का स्टाफ बदसलूकी करता दिख रहा है. अस्पताल का कहना है कि ऐसा उसे 'काबू' में करने के लिए किया गया. कोरोना संक्रमित इस मरीज़ की मौत 12 सितंबर को हो चुकी है.
ओडिशा में अलग-अलग घटनाओं में जादू-टोने के संदेह में तीन लोगों की हत्या का मामला सामने आया है. वहीं बालासोर ज़िले में काला जादू करने के संदेह में एक वृद्ध और उनकी बेटी से मारपीट कर उन्हें गोबर मिला पानी पीने के लिए मजबूर किया गया.
कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए काम कर रहे डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के प्रति आभार व्यक्त करने के दो हफ़्ते बाद देशभर से उनके साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं सामने आ रही हैं. बुधवार को दिल्ली और भोपाल में चार डॉक्टरों पर हमले की घटनाओं के बाद चिकित्सकों के संगठन ने केंद्र सरकार से इस तरह की हिंसा रोकने को कहा है.