यूपी: देवरिया में आईटीआई की अधबनी इमारत कई युवाओं के टूटे सपनों की नींव पर खड़ी है

ग्राउंड रिपोर्ट: साल 2014 में देवरिया ज़िले में भाटपाररानी विधानसभा क्षेत्र के भवानी छापर गांव में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आईटीआई का शिलान्यास किया था. ग्रामीण युवाओं को आस थी कि वे तकनीकी हुनर सीखकर आजीविका कमा सकेंगे. सात साल बीतने के बावजूद यह आईटीआई अब तक शुरू नहीं हो सका और रोजी-रोटी की तलाश में स्थानीय युवा अन्य राज्यों में मज़दूरी करने के लिए पलायन को मजबूर हैं.

किसानों के हितों और 2022 तक उनकी आय दोगुनी करने के बारे में बजट मौन: देवेंद्र शर्मा

कृषि विशेषज्ञ देवेंद्र शर्मा ने कहा कि पिछले लगभग पांच सालों से किसानों की आय दोगुनी करने की बात जोर-शोर से कही जाती रही है कि वर्ष 2022 तक इस ​मंज़िल को हासिल करने की सरकार की योजना है, लेकिन बजट में इस बहुप्रचारित ‘दावे’ पर चुप्पी साध ली गई है. उन्होंने कहा कि अगर देखा जाए तो नरेगा सहित तमाम मदों में कमी ही की गई है और कृषि प्रणाली में जान फूंकने जैसा कोई प्रयास नहीं दिखता है.

चाहते हैं आफ़स्पा हटे, पर केंद्र की सहमति से, राष्ट्र सुरक्षा प्राथमिकता: मणिपुर मुख्यमंत्री

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा कि हम एक सीमावर्ती राज्य हैं और म्यांमार के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करते हैं. मुझे राष्ट्रहित को भी देखना होगा. लेकिन एक मणिपुरी होने और मणिपुर का मुख्यमंत्री होने के नाते, मैं चाहता हूं कि आफ़स्पा हटा दिया जाए.

उत्तर प्रदेश चुनाव: क्या योगी आदित्यनाथ को उनके गढ़ में घेर सकेगा विपक्ष

गोरखपुर शहर सीट पर विपक्ष बेमन से चुनाव लड़ता रहा है. पिछले तीन दशक से सपा, कांग्रेस, बसपा के किसी भी नेता ने इस सीट को केंद्रित कर राजनीतिक कार्य नहीं किया, न ही इसे संघर्ष का क्षेत्र बनाया. हर चुनाव में इन दलों से नए प्रत्याशी आते रहे और चुनाव बाद गायब हो जाते रहे. इसी के चलते भाजपा यहां मज़बूत होती गई. 

उत्तर प्रदेश: योगी सरकार से नौकरियां मांगते युवा चुनावी तस्वीर में कहां हैं

चार जनवरी को इलाहाबाद में रहकर पढ़ाई और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र अचानक सड़कों पर निकल आए और ताली-थाली पीटते हुए लंबित भर्तियों को भरने की मांग करने लगे. उनका कहना था कि वे रोज़गार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर सोई हुई सरकार को नींद से जगाना चाहते हैं. 

उत्तर प्रदेश चुनाव: योगी आदित्यनाथ की अयोध्या से हिजरत के मायने क्या हैं

उत्तर प्रदेश भाजपा में विधानसभा चुनाव के सिलसिले में जो कुछ भी ‘अघटनीय’ घट रहा है, वह दरअसल उसके दो नायकों द्वारा प्रायोजित हिंदुत्व के दो अलग-अलग दिखने वाले रूपों का ही संघर्ष है. योगी आदित्यनाथ को अयोध्या से दूर किए जाने से साफ है कि अभी तक प्रदेश में योगी की आक्रामकता से मात खाता आ रहा मोदी प्रायोजित हिंदुत्व अब खुलकर खेलने की तैयारी कर रहा है.

चुनाव से पहले योजनाओं का ताबड़तोड़ लोकार्पण यूपी की डबल इंजन सरकार को कितना फ़ायदा पहुंचाएगा?

उत्तर प्रदेश का 2021-22 का बजट 5.5 लाख करोड़ रुपये का है. आंकड़े दिखाते हैं कि प्रदेश में चुनावी तैयारी के बीच भाजपा के तीन बड़े नेताओं- नरेंद्र मोदी, नितिन गडकरी और योगी आदित्यनाथ ने बीते डेढ़ महीने में ही इसके एक तिहाई हिस्से के बराबर की योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया है.

कोरोना काल में चुनाव: बड़े होते जा रहे निष्पक्षता से जुड़े सवाल

चुनाव आयोग से न सिर्फ स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव कराने बल्कि यह सुनिश्चित करने की भी अपेक्षा की जाती है कि केंद्र व प्रदेशों में सत्तारूढ़ दलों को सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर अपनी स्थिति मजबूत करने के अनैतिक व अवांछनीय मौके न मिलें. हालांकि कोरोना के दौर में हुए चुनावों में लगातार इस पहलू पर सवाल ही उठे हैं.

प्रचार प्रक्रिया में बदलाव चुनाव प्रक्रिया बदलना है, पर क्या चुनाव आयोग को ऐसा करने का हक़ है

चुनाव आयोग का इलेक्ट्राॅनिक व डिजिटल प्रचार पर निर्भरता को विकल्पहीन बनाना न्यायसंगत नहीं है. दूर-दराज़ के कई क्षेत्रों में अब भी बिजली व इंटरनेट का ठीक से पहुंचना बाकी है, ऐसी जगहों के वंचित तबके के मतदाताओं के पास इतना डेटा कैसे होगा कि वे हर पार्टी के नेता के चुनावी भाषण सुन सके? क्या कोरोना के ख़तरे की आड़ में ऐसे सवालों की अनसुनी की जा सकती है?

क्या सिख परंपराओं को सम्मान देने के पीछे भाजपा की उन्हें इस्तेमाल करने की मंशा छिपी है

सिख धर्म को देश की रक्षा से बांधकर और यह कहकर कि गुरुओं का काम देश की रक्षा था, नरेंद्र मोदी आज की अपनी राष्ट्रीय असुरक्षा की राजनीति को ही रेखांकित कर रहे हैं. सावरकर, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे हिंदू धर्म का राष्ट्रीयकरण करते रहे हैं, वैसे ही वे सिख और बौद्ध धर्म का भी राष्ट्रीयकरण करना चाहते रहे हैं.

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने निर्वाचन आयोग से पूछा, क्या डिजिटल रैलियां/ऑनलाइन मतदान संभव है

एक जनहित याचिका में उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनाव को कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रॉन के कारण इसके बढ़ते मामलों के मद्देनज़र स्थगित करने का अनुरोध किया गया है, जिसके बाद हाईकोर्ट ने निर्वाचन आयोग से डिजिटल रैलियों जैसे वैकल्पिक तरीकों के बारे में सोचने के लिए कहा है.

बढ़ते कोविड-19 संक्रमण के बीच कांग्रेस ने पांच चुनावी राज्यों में बड़ी सभाएं और कार्यक्रम रद्द किए

देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के मद्देनज़र कांग्रेस ने पांच चुनावी राज्यों में अगले 15 दिनों के लिए बड़ी जनसभा और कार्यक्रमों का आयोजन न करने की घोषणा की है. 

सरकार ने चुनावी बॉन्ड की 19वीं किस्त को मंज़ूरी दी, एक जनवरी से शुरू होगी बिक्री

वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारतीय स्टेट बैंक को एक जनवरी से 10 जनवरी 2022 के बीच उसकी 29 अधिकृत शाखाओं के जरिए चुनावी बॉन्ड जारी करने और उसे भुनाने के लिए अधिकृत किया गया है.

पंजाब: मॉब लिंचिंग की क्रूर घटनाओं को जायज़ क्यों ठहराया जा रहा है

सिख धार्मिक प्रतीकों के कथित अपमान को लेकर पंजाब में बीते दिनों दो लोगों की भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई. जनभावनाएं लिंचिंग की इन घटनाओं के समर्थन में खड़ी नज़र आती हैं और मुख्यधारा के राजनीतिक दल व सिख स्कॉलर्स उन भावनाओं को आहत करना नहीं चाहते.

बेअदबी के नाम पर मॉब लिंचिंग: धार्मिक कट्टरताएं बेकाबू हो जाएं, तो गिरावट की कोई सीमा नहीं रहती

सभ्य, लोकतांत्रिक और आधुनिक समाजों में मॉब लिंचिग जैसी बर्बरताओं की कोई जगह नहीं है- धर्मग्रंथों व प्रतीकों की बेअदबी के नाम पर भी नहीं.

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